IRCTC Indian Railways: रेलवे जल्द ही कुछ ट्रेनों का संचालन निजी संचालकों के हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। हालांकि इन निजी संचालकों को IRCTC की गवर्नेंस में ही ट्रेनों का संचालन करना होगा और इन ट्रेनों में टिकटिंग और ऑन बोर्ड सर्विस की जिम्मेदारी IRCTC की होगी। अभी इसे ट्रायल के तौर पर संचालित किया जाएगा। बता दें कि दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसका परिचालन निजी संचालक करेंगे। सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया।
रेलवे परिचालन के लिए फिलहाल अपनी दो ट्रेनें निजी क्षेत्र को सौंपने के अपने 100 दिन के एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड दूसरे ऐसे मार्ग पर भी विचार कर रहा है। लेकिन निजी संचालकों को सौंपी गई ट्रेनें 500 किलोमीटर की दूरी की रेंज की होंगी। एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि, ‘‘एक महीने में इस पर फैसला लिया जाएगा। आईआरसीटीसी इसके स्वरूप पर काम कर रहा है।’’
दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस की घोषणा 2016 में की गयी थी लेकिन हाल में जारी नयी समय सारिणी में इसे जगह दी गई है। परिचालन के लिए खुली निविदा प्रक्रिया के बाद इसे निजी संचालकों के हवाले किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये दो ट्रेनें प्रयोग के आधार पर दी जाएंगी और हमें उम्मीद है कि अगले 100 दिन में हम कम से कम एक को चला पाएंगे। दूसरी ट्रेन को भी जल्द चिन्हित किया जाएगा। दिल्ली-लखनऊ के बीच यह ट्रेन चलायी जा सकती है।
आईआरसीटीसी को 10 जुलाई तक एक विस्तृत प्रस्ताव बनाकर रेलवे को भेजना है, जिसमें इन ट्रेनों के परिचालन, नियम व शर्तों की जानकारी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि ये ट्रेने हॉलेज कॉन्सेप्ट पर चलायी जाएंगी। एक ट्रेन को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक चलाने में जो खर्च आता है, उसे ही हॉलेज कहा जाता है। इस कॉन्सेप्ट के तहत रेलवे इन ट्रेनों के परिचालन पर होने वाले खर्च के साथ कुछ मुनाफा लेगी। इसके अलावा जो भी अन्य मुनाफा या नुकसान होगा, वह निजी संचालक को मिलेगा।