ईरान के सरकारी टेलीविजन ने देश में 84 फीसद शुद्धता वाले यूरेनियम के संवर्धन के अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों के आरोपों को खारिज करते हुए अपना बचाव किया और एक अधिकारी ने इस पूरे मामले को इस्लामिक देश के परमाणु कार्यक्रम को लेकर व्याप्त तनाव की पृष्ठभूमि में ईरान के खिलाफ साजिश बताया।

ईरान के असैन्य परमाणु कार्यक्रम के प्रवक्ता बहरोज कमालवांदी ने उस शुद्धता (84 फीसद) के स्तर पर यूरेनियम के किसी कण के मिलने को 60 फीसद शुद्धता वाले यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया का क्षणिक दुष्प्रभाव बताया। ईरान पहले ही 60 फीसद शुद्धता वाले यूरेनियम के संवर्धन की घोषणा कर चुका है।

हालांकि, 84 फीसद शुद्धता वाला यूरेनियम परमाणु हथियार में प्रयुक्त होने वाले संवर्धित यूरेनियम (90 फीसद शुद्धता) के बेहद पास है। इससे तात्पर्य है कि इस यूरेनियम का उपयोग अगर ईरान चाहे तो परमाणु हथियार बनाने में कर सकता है।

ईरान हालांकि लंबे समय से कह रहा है कि उसकी यूरेनियम संवर्धन परियोजना असैन्य और शांतिपूर्ण उपयोग के लिए है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजंसी- वेस्टर्न इंटेलिजेंस एजंसी और परमाणु अप्रसार संधि के विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान 2003 तक गोपनीय रूप से परमाणु हथियार विकसित करने की योजना चला रहा था।

यह आरोप कि आइएईए निरीक्षकों को 84 फीसद संवर्धित यूरेनियम मिला है, ईरान और पश्चिमी देशों के बीच पहले से व्याप्त तनाव को और बढ़ा सकता है। इतना ही नहीं, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की धमकी भी दी है।