सुप्रीम कोर्ट की ओर से ममता बनर्जी सरकार को झटका लगा है। सरकार ने अदालत से मांग की थी कि कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जाए जिसमें CBI जांच का निर्देश दिया गया था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- राज्य सरकार किसी को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है? इसके बाद कोर्ट ने ममता सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई को करने के लिए कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई संदेशखली के दबंग शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों की जांच जारी रखेगी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने ममता बनर्जी सरकार से यह भी जानना चाहा कि राज्य एक व्यक्ति को बचाने में क्यों दिलचस्पी रख रहा है? शाहजहां शेख को फरवरी में बंगाल पुलिस के साथ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के एक दिन बाद टीएमसी ने भी शेख को सस्पेंड कर दिया था।

अप्रैल में कलकत्ता हाईकोर्ट ने शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ 42 मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जिसमें राशन घोटाले के आरोप भी शामिल थे। कोर्ट ने कहा था कि मामला जटिल है और निष्पक्ष जांच की जरूरत है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को टिप्पणी की थी कि राज्य को किसी व्यक्ति के लिए याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए, जिस पर बंगाल के वकील ने तर्क दिया था कि हाईकोर्ट के फैसले में बंगाल सरकार के बारे में टिप्पणियां शामिल थीं।

बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीबीआई को हाईकोर्ट का निर्देश ईडी से संबंधित दो प्राथमिकी तक ही सीमित हो सकता था, लेकिन इसमें अन्य कथित अपराध भी शामिल हैं।