आज देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे में लोग राष्ट्रपति भवन के बारे में जानने को उत्सुक हैं। राष्ट्रपति भवन का निर्माण 1912 में शुरू हुआ था और 1929 में पूरा हुआ। इसे अंग्रेजों ने बनवाया था। राष्ट्रपति भवन को बनाने में कुल करीब 29 हजार से अधिक लोगों ने काम किया था।

70 करोड़ ईंटें, 300 कमरें, नहीं जानते होंगे राष्ट्रपति भवन से जुड़ी ये दिलचस्प बातें

क्विरिनल पैलेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा भवन

राष्ट्रपति भवन इटली के रोम में स्थित क्विरिनल पैलेस के बाद दुनिया का सबसे बड़ा भवन है। इसे राष्ट्रपति महल के रूप में भी जाना जाता है। इस भवन में राष्ट्रपति कार्यालय, अतिथि कक्ष और स्टाफ रूम सहित 300 से अधिक कमरे हैं। राष्ट्रपति भवन में कुल 750 कर्मचारी काम करते हैं और इनमे से 245 राष्ट्रपति सचिवालय में हैं।

70 करोड़ ईंटों का किया गया इस्तेमाल

राष्ट्रपति भवन को बनाने में 70 करोड़ ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसमें 30 लाख क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया गया है। बता दें कि आजादी से पहले राष्ट्रपति भवन को वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था। राष्ट्रपति भवन भारत का सबसे बड़ा निवास स्थान है। अमृत उद्यान (पूर्व में मुगल गार्डन) भी राष्ट्रपति भवन के अंदर ही है और इसे हर वर्ष फरवरी में आम जनता के लिए खोला जाता है।

रायसीना हिल्स पर बना है राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन रायसीना हिल्स पर बना है। राष्ट्रपति भवन का निर्माण सर एडविन लैंडसीर लुटियंस आर्किटेक्ट द्वारा किया गया था। राष्ट्रपति भवन के बैंक्वेट हॉल में एक समय में 104 मेहमान बैठ सकते हैं। राष्ट्रपति भवन में मार्बल हॉल भी है जिसमे वायसराय और ब्रिटिश राजघराने के कुछ चित्र और मूर्तियां हैं। राष्ट्रपति भवन के गिफ्ट म्यूजियम में किंग जॉर्ज V की 640 किलोग्राम की चांदी की कुर्सी भी रखी हुई है। इस कुर्सी पर वह 1911 में दिल्ली दरबार लगाकर बैठते थे।

राष्ट्रपति भवन में शनिवार को सुबह 10 बजे एक औपचारिक ‘चेंज ऑफ गार्ड’ समारोह आयोजित किया जाता है। ये 30 मिनट का होता है और जनता के लिए खुला होता है। इसको देखने के लिए राष्ट्रपति भवन के प्रवेश द्वार पर आपको एक फोटो पहचान पत्र दिखाना होता है।