भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बकाया वाहन ऋ ण में लगातार बढ़ोतरी हुई है। कर्ज महंगाई हुआ है, फिर भी ऋ ण लेकर वाहनों की खरीदारी बढ़ी है।

आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक, बकाया वाहन ऋ ण 19 मई को 5.09 लाख करोड़ रुपए रहा, जबकि एक साल पहले मई, 2022 में इसका आकार 4.16 लाख करोड़ रुपए था। मई, 2021 में बकाया वाहन ऋ ण 3.65 लाख करोड़ रुपए था। यह आंकड़ा इस लिहाज से अहम है कि आरबीआइ ने महंगाई पर काबू पाने के लिए मई, 2022 से नीतिगत रेपो दर में लगातार कई बार बढ़ोतरी की और यह चार फीसद से बढ़कर 6.50 फीसद पर पहुंच गई है।

इससे वाहन ऋ ण समेत तमाम कर्ज महंगे हो गए हैं। हालांकि, कर्ज महंगे होने का भी वाहनों की बिक्री पर असर नहीं पड़ा। वाहन डीलरों के संगठन फाडा ने भी जून में वाहनों की खुदरा बिक्री बढ़ने के आंकड़े दिए हैं। फाडा के मुताबिक, जून में वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 10 फीसद बढ़ी है। इसमें दोपहिया, तिपहिया, यात्री वाहन, ट्रैक्टर और वाणिज्यिक वाहन भी शामिल हैं। वाहन कंपनियों के संगठन सियाम ने अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर नौ फीसद बढ़कर 9,95,974 इकाई हो जाने का आंकड़ा दिया है।

रेटिंग एजंसी इक्रा के उपाध्यक्ष एवं कारपोरेट रेटिंग प्रमुख रोहन कंवर गुप्ता ने कहा कि यात्री वाहनों के लिए मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसा वाहनों की कीमत और वित्तपोषण लागत बढ़ने के बावजूद देखा जा रहा है। एंड्रोमीडा सेल्स और अपनापैसा डाट काम के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा कि नए डिजाइन एवं फीचर से लैस वाहनों की कीमत बढ़ गई है, जिससे कर्ज लेकर वाहन खरीदने की दर तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा वाहन खरीद के कर्ज का आकार भी बढ़ता जा रहा है।