डाकघर की स्कीम में निवेश करने का प्लान रहे हैं तो आपके लिए अहम खबर सामने आई है। नए साल पर पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में परिवर्तन नहीं होगा। वर्तमान में जो ब्याज दर मिल रहा है वह 31 मार्च 2022 तक बदलने वाला नहीं है। कम ब्याज दर की स्थिति में पीपीएफ और अन्य छोटे बचत निवेश पहले की तरह ही रिटर्न देते रहेंगे। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें जनवरी-फरवरी-मार्च 2022 के लिए वैसी ही रहेंगी जैसी अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर 2021 तिमाही में थीं।
इन स्कीमों पर मिलता है अधिक ब्याज
डाकघर की छोटी योजना में निवेश एक अच्छा माध्यम है। इन स्कीमों में निवेश करने पर बैंकों से भी अधिक ब्याज दर मिलता है। PPF पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत प्रतिवर्ष जबकि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। वहीं सुकन्या समृद्धि खाताधारकों को उनके खाते की शेष राशि पर सालाना 7.6 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज दर मिलती रहेगी।
पांच साल की योजनाओं पर कितना मिलता है रिटर्न
वहीं पोस्ट ऑफिस के 5 वर्षीय मासिक आय खाता योजना की बात करें तो मासिक देय 6.6 प्रतिशत की पेशकश करती है। जबकि 5 वर्षीय NSC पर सालाना रिटर्न 6.8 प्रतिशत चक्रवृद्धि की दर से दी जा रही है। इसके अलावा 1 साल की सावधि जमा (FD) पर ब्याज दर 5.5 प्रतिशत है जबकि 5 साल की जमा राशि पर यह दर 6.7 प्रतिशत प्रति वर्ष दिया जाता है।
तिमाही पर होता है ब्याज दर पर परिवर्तन
सरकार द्वारा वित्त वर्ष की प्रत्येक तिमाही की शुरुआत में ब्याज दर निर्धारित की जाती है। जिसमें विभिन्न लघु बचत योजनाओं जैसे राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), KVP, समय-जमा, सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) आदि पर ब्याज दर समान रहती है। दरों में बदलाव होने पर भी नई दरें सभी डाकघर योजनाओं के सभी निवेशकों पर लागू नहीं होती हैं। पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) दो प्रमुख छोटी बचत योजनाएं हैं जो सरकार द्वारा संशोधित किए जाने पर दरों में संशोधन करती हैं। बाकी योजनाओं पर बीच में दरों पर बदलाव नहीं होता है।
इनके लिए राहत
डाकघर की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में परिवर्तन नहीं होने से निश्चित आय वाले निवेशक राहत की सांस ले सकते हैं। पीओ बचत योजनाओं में यथास्थिति बैंक सावधि जमा की तुलना में ब्याज दर उन्हें आकर्षक बनाए रख सकती है। बता दें कि वर्तमान में अधिकांश प्रमुख बैंक 1 से 10 वर्ष की जमाराशियों पर लगभग 5 से 5.5 प्रतिशत की ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं।