तमिलनाडु के डी शिवन की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। अपने काम को बखूबी निभाना और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने की कला के चलते डी शिवन अपने रिटायरमेंट के बाद सोशल मीडिया पर मशहूर हो चुके हैं। सोशल मीडिया यूजर्स उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं।
साधारण से दिखने वाले शिवन का काम असाधारण कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। शिवन रोजाना 15 किलोमीटर पैदन घने जंगलों से गुजरकर लोगों का डाक उनतक पहुंचाते थे। इस काम के दौरान कई बार उनका सामना जंगली जानवरों से हुआ लेकिन वह पीछे नहीं हटे। वह कहते हैं कि उन्होंने ठानी थी जबतक रिटायर नहीं हो जाते अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभाते रहेंगे।
65 साल की उम्र में शिवन पिछले सप्ताह रिटायर हुए हैं। जोखिम भरे इस काम के लिए उन्हें लोगों की दुआओं के साथ 12,000 रुपये हर महीने वेतन मिलता था। कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे शिवन ने कभी अपनी पगार को लेकर कोई शिकायत नहीं की। शिवन का कहना है कि वह इस काम को काम की तरह नहीं बल्कि कर्तव्य के तौर पर करते थे और उन्हें इसमें मजा आता था।
Postman D. Sivan walked 15 kms everyday through thick forests to deliver mail in inaccessible areas in Coonoor.Chased by wild elephants,bears, gaurs,crossing slippery streams&waterfalls he did his duty with utmost dedication for 30 years till he retired last week-Dinamalar,Hindu pic.twitter.com/YY1fIoB2jj
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) July 8, 2020
आईएएस अधिकारी सुप्रिया साहू ने ट्विटर पर उनकी तस्वीर साझा करते हुए लिखा है, पोस्टमैन डी शिवन हर रोज 15 किलोमीटर चलकर कुनूर के घने जंगलों में हाथी, भालू, गौर का सामना करते हुए लोगों तक डाक पुहंचाते हैं। वह इस दौरान झरने और सुरंग भी पार करते हैं। उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरे 30 साल पूरी निष्ठा से निभाई बीते सप्ताह वह रिटायर हुए हैं। उनकी इस पोस्ट पर लोगों ने डी शिवन की तारीफ की है। एक यूजर ने लिखा है, मैंने इनका इंटरव्यू किया है। यह भारत रत्न के हकदार हैं। कम से कम इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाना चाहिए।