बुलंदशहर में किसानों के धरना स्थल पर शुक्रवार को एक पुलिस का इंस्पेक्टर अपनी गाड़ी लेकर घुसा तो किसानों ने उसे शर्मसार करके उलटे पैर खदेड़ दिया। उधर, समाजवादी पार्टी के नेता ने किसानों से कहा कि अन्नदाता धरने पर बैठा है लेकिन सरकार इनकी कोई सुध नहीं ले रही। सरकार गहरी नींद में सो रही है।

एक टीवी चैनल ने अपने वीडियो में दिखाया कि यूपी पुलिस का इंस्पेक्टर दबंगई दिखाते हुए किसानों के धरना स्थल तक कार समेत जा पहुंचा। किसानों ने उसे देखा तो सारे एकत्र हो गए और पुलिस के अफसर की कार को घेर लिया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए गाड़ी को जबरन बैक करवाया। वीडियो में इंस्पेक्टर किसानों के कुछ समझाने की कोशिश भी कर रहा है, लेकिन वो सुनने को तैयार नहीं थे। मौके की नजाकत को भांपकर अफसर अपनी गाड़ी को वहां से निकाल ले जाने में ही गनीमत समझता है।

उधऱ, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि जब से देश का इतिहास लिखा गया है, उसमें सबसे पहले महिलाओं और किसान का सम्मान लिखा गया है, लेकिन इन दोनों पर ही सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है। किसान धरने पर बैठा है और सरकार का संसद सत्र चल रहा है। बंगाल, असम और तमिलनाडु समेत पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। सरकार को कोई चिंता नहीं है।

देश का किसान लगातार धरने पर बैठा है और सरकार नींद में है। किसान की आवाज को दबाने की कोशिश सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार न तो किसानों की, न महिलाओं की और न ही युवाओं की आवाज सुनने को तैयार हो रही है। उनका कहना था कि सरकार जिसकी आवाज सुनना चाहे वो उसी की आवाज बन जाते हैं। समाज में इनसे ज्यादा लोग तो रहते नहीं हैं। उनका सवाल था कि अगर मोदी सरकार इन लोगों की आवाज नहीं सुनना चाहती को किसकी आवाज सुनना चाहती है।

गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर पिछले लगभग चार महीने से किसान धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार उनसे बात करने का तैयार नहीं हो रही। हालांकि, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार कह रहे हैं कि सरकार बात करने को तैयार है पर वार्ता कब होगी यह नहीं बता रहे। उधऱ, किसान नेता देश भर में पंचायत करने के साथ चुनावी राज्यों में जाकर बीजेपी को वोट न देने की अपील कर रहे हैं।