हरियाणा के चुनावी समर में बेहद हॉट सीट बनी जुलाना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट को लेकर इनेलो महासचिव अभय चौटाला की एक टिप्पणी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। जुलाना में आयोजित एक चुनावी सभा में अभय चौटाला ने यह टिप्पणी की है।
बताना होगा कि विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई थीं। इसके बाद जब वह भारत लौटीं थीं तो उनके पक्ष में सहानुभूति की लहर दिखाई दी थी। उनके स्वागत में रोहतक से कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा दिखाई दिए थे। कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस ने उन्हें जुलाना सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया था। जुलाना सीट जींद जिले में है।
क्या कहा अभय चौटाला ने?
वायरल वीडियो में चौटाला विनेश के बारे में कहते हुए सुनाई देते हैं, ‘इसका बाप काफी समय पहले यहां से चला गया था। खरखौदा (सोनीपत जिले में) रहने लग गया था। वह अपने नाम के पीछे राठी भी नहीं लिखती, फोगाट लिखती है। इसको इतनी भी समझ नहीं है कि परिवार में गोत्र का नाम किसके साथ लिखा जाता है।’
अभय चौटाला ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि जब कोई खिलाड़ी राजनीति में आता है तो वह खिलाड़ी नहीं रहता, वह किसी पार्टी का कार्यकर्ता या नेता बन जाता है।
पोस्टर से हैरान हुए लोग
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जब विनेश फोगाट का पोस्टर सामने आया तो यह चर्चा का विषय इसलिए बन गया क्योंकि इसमें उनका नाम विनेश फोगाट राठी लिखा था। अब तक उन्हें लोग विनेश फोगाट के नाम से ही जानते थे। बताना होगा कि विनेश की शादी जुलाना के रहने वाले सोमवीर राठी से हुई है। इस तरह जुलाना विनेश की ससुराल भी है।
अभय चौटाला खुद भी सिरसा जिले की ऐलनाबाद सीट से विधायक हैं और फिर से इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस चुनाव में इनेलो ने बसपा से गठबंधन किया है।
जुलाना सीट से विनेश फोगाट के अलावा इनेलो-बसपा के उम्मीदवार डॉक्टर सुरेंद्र लाठर, जेजेपी-आसपा के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक अमरजीत ढांडा, आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार कविता दलाल और बीजेपी के उम्मीदवार कैप्टन योगेश बैरागी भी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से कैप्टन योगेश बैरागी के अलावा सभी उम्मीदवार जाट समुदाय से ही हैं। ऐसे में यहां जाट वोटों का बंटवारा होने का डर कांग्रेस और विनेश को सता रहा है।
बीजेपी की रणनीति यहां गैर जाट वोटों को इकट्ठा करने की है और इसीलिए उसने ओबीसी समुदाय से आने वाले कैप्टन योगेश बैरागी पर दांव लगाया है।

जुलाना में मजबूत है इनेलो
जुलाना सीट पर इनेलो भी काफी मजबूत है और 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां इनेलो ही जीती थी। कांग्रेस पिछले तीन विधानसभा चुनाव से लगातार जुलाना में हार रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में जेजेपी के उम्मीदवार अमरजीत ढांडा 24 हजार वोटों से यहां जीते थे। इस बार अमरजीत के साथ सांसद चंद्रशेखर की पार्टी का भी समर्थन है। यहां लगभग 32 हजार दलित मतदाता हैं। इसलिए अमरजीत भी इस सीट पर कांग्रेस की राह मुश्किल कर रहे हैं।