लगभग दो दशक तक कोयले के इर्दगिर्द अपना कारोबार खड़ा करने के बाद भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडाणी अब दूसरे क्षेत्रों में भी अपने कारोबार को फैलाने की सोच रहे हैं। अडाणी भारत में बुनियादी ढांचे को मजूबती देने के क्षेत्र में बड़ा नाम बनकर उभरे हैं। इसलिए उन्हें ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर किंग’ का नाम भी दिया जा रहा है। उनका कारोबार बंदरगाहों से लेकर खदानों तक फैला है। साथ ही उनके कारोबार में कई सारे पावर प्लांट, एयरपोर्ट, डेटा सेंटर और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी चीजें शामिल हैं। निवेशक भी अडाणी को पूरा सहयोग दे रहे हैं। ये इसलिए भी क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार की विकास परियोजनाओं के जरिए अडाणी कारोबार से जुड़े अपने लक्ष्यों को पूरा कर रहे हैं। साथ ही अडाणी की रणनीति काफी फायदा पहुंचाने वाली है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के वक्त में अडाणी समूह को काफी फायदा हुआ है। समूह की छह इकाइयों ने पिछले साल महामारी के वक्त में भी अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। इन यूनिट ने बाजार में अपनी कीमत में 79 बिलियन डॉलर का इजाफा किया। देश के दो सबसे बड़े समहूों टाटा और रिलायंस के बाद अब अडाणी ग्रुप ही है। इसी को देखते हुए फ्रांस की दिग्गज तेल कंपनी टोटल एसई और वारबर्ग पिंकस एलएलसी ने अडानी की कंपनियों में निवेश किया है।
मालूम हो कि दो साल से भी कम वक्त में, अडाणी ने देश के सात हवाई अड्डों और लगभग एक चौथाई हवाई यातायात पर अपना नियंत्रण स्थापित किया है। उन्होंने 2025 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को लगभग आठ गुना बढ़ाने की योजना भी सामने रखी है।

पिछले हफ्ते, उन्होंने श्रीलंका में एक पोर्ट टर्मिनल को विकसित करने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट जीता। साथ ही अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने पिछले महीने भारत भर में डेटा सेंटर विकसित करने और संचालित करने के लिए EdgeConneX के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए।
बता दें कि 1980 के दशक में एक जिंस व्यापारी के रूप में शुरुआत करने वाले गौतम अडाणी अब जैक मा से ज्यादा अमीर हैं और 56 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, बीते एक साल में उनकी सपंत्ति में $ 50 बिलियन का इजाफा हुआ, जो कि मुकेश अंबानी से लगभग 5 बिलियन डॉलर ज्यादा है। इस साल किसी भी अन्य अरबपति की तुलना में अडाणी की कुल संपत्ति में बढ़ोतरी ही हुई है।