Gautam Adani, Sudha Murthy in Maha Kumbh Mela: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में आस्था, अध्यात्म और सेवा का अद्भुत माहौल है। देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति की कामना कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज देश के शीर्ष उद्योगपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी महाकुंभ मेले में पहुंच रहे हैं। इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति पहले ही महाकुंभ मेले में पहुंच चुकी हैं। वह परेड मैदान पर पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए महाराजा टेंट में ठहरी हैं। सुधा मूर्ति की उपस्थिति ने मेले में अतिरिक्त आकर्षण जोड़ा है। महाकुंभ में अब तक 8 करोड़ 30 लाख लोगों से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं।
Maha Kumbha 2025: संगम स्नान, हनुमान जी का दर्शन और 50 लाख लोगों के लिए महाप्रसाद कार्यक्रम
गौतम अडानी की इस आध्यात्मिक यात्रा का मुख्य आकर्षण त्रिवेणी संगम में स्नान,पूजा-अर्चना और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन करना रहेगा। इसके अलावा वह 50 लाख लोगों को महाप्रसाद भोजन कराने के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। आज वह अपने हाथों से भोजन वितरित करेंगे।
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महाकुंभ के इस पावन अवसर पर अडानी ग्रुप सेवा कार्यों में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था ने लाखों लोगों को लाभान्वित किया है। अडानी ग्रुप इस्कॉन और गीता प्रेस के साथ मिलकर हर दिन एक लाख लोगों के बीच महाप्रसाद का वितरण कर रहा है। इसके अतिरिक्त धार्मिक साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए एक करोड़ आरती संग्रह बांटने का लक्ष्य भी इस सेवा अभियान का हिस्सा है।
भंडारा सेवा में गौतम अडानी की भागीदारी इस पहल को और विशिष्ट बना देती है। महाकुंभ के दौरान भोजन वितरण सुबह से देर रात तक तीन स्थानों पर चल रहा है। इसमें 400 से अधिक स्वयंसेवक पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं। यह सेवा कार्य न केवल श्रद्धालुओं की भूख मिटा रहा है, बल्कि उन्हें एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान कर रहा है।
अडानी ग्रुप ने मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की हैं। परिवहन सेवाओं से लेकर भोजन व्यवस्था तक, हर पहलू को इस तरह तैयार किया गया है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इन सेवाओं ने मेले में आने वाले लोगों की यात्रा को सरल और आनंददायक बना दिया है।
महाकुंभ में गौतम अडानी की यह सहभागिता न केवल उनके समाज सेवा और धर्म के प्रति समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि देश के शीर्ष उद्योगपति भी अपनी आस्था और परंपराओं से गहराई से जुड़े हुए हैं। उनकी उपस्थिति और सेवा भाव न केवल श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि महाकुंभ की गरिमा को भी बढ़ाता है।
यह आयोजन एक ऐसा मंच बन गया है, जहां धर्म और सेवा का वास्तविक संगम देखने को मिलता है। गौतम अडानी की यात्रा इस बात का प्रतीक है कि आर्थिक सशक्तिकरण और आध्यात्मिकता एक साथ चल सकते हैं। यह महाकुंभ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी एक मिसाल कायम कर रहा है।
गौतम अडानी की इस यात्रा और सेवा के माध्यम से महाकुंभ के मूल संदेश—आस्था, अध्यात्म और मानव सेवा—का व्यापक प्रसार हो रहा है। यह न केवल इस पवित्र आयोजन की महिमा को बढ़ाता है, बल्कि समाज के हर वर्ग को अपनी परंपराओं और मूल्यों के प्रति प्रेरित करता है।