E-Rupee In India: उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने बुधवार को डिजिटल मुद्रा-ई-रुपये (Digital Currency E-Rupee) के प्रचलन में आने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मिलने के तुरंत बाद उन्होंने इसके जरिए फल (Fruits) खरीदे। कहा कि यह बड़ी बात है। आनंद महिंद्रा ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी रिजर्व बैंक (RBI) से मिली।

UPI की ही तरह ही QR-Code स्कैन करके किया जाता है

उन्होंने एक ट्वीट किया और लिखा, “आज रिज़र्व बैंक की बोर्ड बैठक में मैंने आरबीआई की डिजिटल मुद्रा-ई-रुपये के बारे में जाना। बैठक के ठीक बाद, मैंने पास के एक फल विक्रेता बच्चे लाल साहनी से मुलाकात की, जो इसे सबसे पहले स्वीकार करने वाले व्यापारियों में से एक है। डिजिटल इंडिया काम कर रहा है! (साथ में बेहतरीन अनार भी मिले!)” उद्योगपति आनंद महिंद्रा जो वीडियो ट्वीट किये हैं, उनमें वे ई-रुपया क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान कर रहे हैं। यह यूपीआई भुगतान की तरह ही क्यूआर कोड को स्कैन करके किया जाता है।

क्या है ई-रुपया?

भारतीय रिजर्व बैंक आम लोगों के लिए एक नई तरह की मुद्रा को शुरू किया है। यह भारतीय मुद्रा का ही डिजिटल रूप है। इसका सामान्य भाषा में नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है। इसका संचालन भी केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ही करेगा। हाल ही में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को बैंकों के सीमित समूह के बीच शुरू किया गया था।

क्या है लाभ?

ई-रुपया यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) शुरू होने से किसी भी तरह का भुगतान करने में आसानी होगी। साथ ही यह तेज और सुविधाजनक तरीके से होगा। इसको करने के लिए किसी भी तरह की विशेषज्ञता या विशेष ज्ञान की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह ई-मेल की तरह तेजी से पहुंचता है। इसको शुरू करने को लेकर आम लोगों में काफी उत्साह है।

RBI गवर्नर ने कहा- जल्द ही पूरी तरह से लांच किया जाएगा

रिजर्व बैंक की इच्छा है कि इसे जल्द ही पूरी तरह से लांच कर दिया जाए। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “कुछ तकनीकी चुनौतियां होंगी, कुछ प्रक्रिया की चुनौतियां होंगी। रिजर्व बैंक इन सभी चुनौतियों से निपटना चाहेगा और इसको इस तरह से शुरू करेगा, जिससे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी।”