वहां उनकी यादों को आने वाली पीढ़ियों के वास्ते सहेजने की योजना में देरी पर उनके प्रशंसकों ने गहरी नाखुशी जताई है। मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके प्रशंसकों ने कहा कि इस गली में उनकी यादों को हमेशा जिंदा रखने का काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए। लता मंगेशकर का पिछले साल छह फरवरी को निधन हो गया था।
उधर, मध्य प्रदेश सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि शहर में लता मंगेशकर की स्मृतियां सहेजने से जुड़ी अलग-अलग योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सिख मोहल्ले में मंगेशकर जन्मस्थली वाली गली जिला न्यायालय परिसर से सटी होने के कारण ‘कोर्ट वाली गली’ और चाट-पकौड़ी की कतारबद्ध दुकानों के चलते ‘चाट वाली गली’ के रूप में मशहूर है। बहरहाल, वक्त की करवटों के साथ ही सिख मोहल्ले में अब उस घर का वजूद भी मिट चुका है, जहां मंगेशकर का जन्म हुआ था। वर्तमान में इस जगह पर कपड़ों की एक दुकान है जिसके भीतर मंगेशकर के सम्मान में उनकी छवि की ‘म्यूरल कलाकृति’ लगी है।
सिख मोहल्ले की गली में चाट-पकौड़ी की दुकान चलाने वाले गोविंद सोनी ने कहा,‘जब मंगेशकर जिंदा थीं, तब इस गली में उनके जन्मदिन पर कई लोग आते थे। लेकिन अब उनकी यादों को अनदेखा किया जा रहा है और आज उनकी पहली पुण्यतिथि पर यह गली सूनी पड़ी है।’ उन्होंने कहा,‘यह दिवंगत मंगेशकर के साथ नाइंसाफी है।
हमारी सरकार से विनती है कि इस गली में मंगेशकर का स्मारक जल्द बनाया जाए।’ राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान के अलंकरण समारोह में 28 सितंबर 2022 को घोषणा की थी कि मंगेशकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए उनकी जन्मस्थली इंदौर में संगीत महाविद्यालय, संगीत अकादमी तथा संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। शहर में उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। मंगेशकर की पहली पुण्यतिथि पर उनकी जन्मस्थली वाली गली में पहुंचे उनके एक अन्य प्रशंसक लक्ष्मीकांत पंडित ने दावा किया कि शहर में स्वर साम्राज्ञी की यादों को सहेजने की योजनाओं को अमली जामा पहनाने में देरी हो रही है।
बहरहाल, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे ने कहा कि इंदौर के शासकीय संगीत महाविद्यालय का नामकरण मंगेशकर के नाम पर पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा,‘मंगेशकर की याद में शहर के राजेंद्र नगर के एक सभागृह में संग्रहालय बनाने की तैयारी जारी है। इस सभागृह में ही मंगेशकर की मूर्ति लगेगी।’ भिसे ने कहा कि मंगेशकर की जन्मस्थली वाली गली के नुक्कड़ पर उनकी याद में एक कलाकृति भी लगाई जाएगी।