इंदौर की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत छह लोगों को एक-एक साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि शनिवार को विशेष अदालत ने उज्जैन में वर्ष 2011 में हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं की पिटाई के मामले में यह फैसला सुनाया है।

अदालत ने कारावास के अलावा सभी छह दोषियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 325 (जान-बूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) और धारा 109 (दूसरे लोगों को मारपीट के लिए उकसाना) के तहत दिग्विजय और उज्जैन के पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद गुड्डू को दोषी माना। वहीं चार अन्य अनंत नारायण, जय सिंह दरबार, असलम लाला और दिलीप चौधरी को धारा 325 के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

बता दें कि अदालत ने इस पुराने मामले के तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। जिसमें उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र के कांग्रेस विधायक महेश परमार, मुकेश भाटी और हेमंत चौहान को सबूतों के अभाव में बरी किया है। हालांकि विशेष न्यायाधीश ने बाद में दिग्विजय सिंह समेत सभी छह दोषियों द्वारा की गई अपील पर फौरी रोक लगा दी। इसके साथ ही उन्हें 25-25 हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।

विशेष अदालत से मिली जमानत के बाद दिग्विजय ने मीडिया को जानकारी दी कि वो इस मामले में वो हाई कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी ‘‘झूठी’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘मूल प्राथमिकी में आरोपी के रूप में मेरा नाम शामिल नहीं था लेकिन पुलिस ने बाद में राजनीतिक दबाव के चलते आरोपियोंम में मेरा नाम शामिल किया।

दिग्विजय पर आरोप है कि उन्होंने भाजयुमो कार्यकर्ता रितेश खाबिया को पीटने के लिए अन्य लोगों को उकसाया था। पुलिस के मुताबिक, भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय के अलग-अलग विवादित बयानों पर विरोध जाहिर करते हुए उन्हें 17 जुलाई 2011 को तब काले झंडे दिखाने की कोशिश की थी, जब उनका काफिला उज्जैन के जीवाजीगंज क्षेत्र से गुजर रहा था। पुलिस के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन के दौरान दिग्विजय, गुड्डू और अन्य लोगों की भाजयुमो के कार्यकर्ताओं से भिड़ंत हुई थी।