संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को लेकर यहां नगर निगम परिषद के सम्मेलन में बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों के बीच तीखी नोंक-झोंक देखने को मिली। इस दौरान आपत्तिजनक नारे भी लगाये गये। सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर विरोध जताया, तो भाजपा पार्षद बुरी तरह भड़क गये। बात इतनी बढ़ गयी कि दोनों धुर विरोधी दलों के पार्षद अपनी कुर्सियों से उठकर तैश में एक-दूसरे के पास पहुंच गये और तीखी बहस करने लगे।
कांग्रेस के दो पार्षद सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बैज लगाकर सदन में पहुंचे थे। भाजपा पार्षदों ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए उनसे ये बैज हटाने को कहा। लेकिन दोनों कांग्रेस पार्षदों ने ये बैज हटाने से साफ इंकार कर दिया और वे सदन से बाहर निकल गये। सदन में विपक्षी कांग्रेस पार्षदों ने सीएए को “संविधानविरोधी” बताते हुए कहा कि वे हर मंच पर इसका विरोध करते रहेंगे। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षदों ने कहा कि सीएए पर संसद के दोनों सदनों की मंजूरी की मुहर लग चुकी है, लिहाजा इस कानून का विरोध सरासर गलत है।
नगर निगम परिषद सम्मेलन के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आये हैं जिनमें शोर-शराबे के बीच आपत्तिजनक नारा सुनायी पड़ रहा है-“देश के गद्दारों को, बाहर निकालो **को।” भारी हंगामे के बीच भाजपा पार्षदों ने “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारे भी लगाये।
हंगामे की भेंट चढ़ा नगर निगम परिषद सम्मेलन इस शहरी निकाय के 85 पार्षदों की आखिरी औपचारिक बैठक थी क्योंकि इन निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का पांच वर्षीय कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो चुका है। प्रदेश सरकार ने अगले नगर निगम चुनावों तक इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) आकाश त्रिपाठी को इस शहरी निकाय का प्रशासक नियुक्त किया है।
