इंदौर एक बार फिर भारत का सबसे साफ शहर चुना गया है। यह लगातार छठी बार है जब इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर चुना गया। वहीं, दूसरे और तीसरे नंबर पर सूरत एवं नवी मुंबई हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य लोग भी मौजूद थे।
केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद गुजरात और महाराष्ट्र हैं। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।
इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बधाईयां, शुभकामनाएं और अभिनंदन। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इंदौर की जनता पर गर्व है। सर्वेक्षण में शहर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त करने पर उन्होंने जनता, प्रतिनिधियों और टीम एमपी के सभी सदस्यों को बधाई दी।
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा, उसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ रहा। 1 लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार को सबसे स्वच्छ गंगा शहर घोषित किया गया है। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश का स्थान रहा। पीटीआई बुन बिजनौर को एक लाख से कम आबादी वाले गंगा शहरों में पहला स्थान मिला। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर हैं।
सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण का 7 वां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता एवं स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक करने के लिए आयोजित किया गया था। सर्वेक्षण 2016 में शुरू किया गया था। उस वक्त सर्वेक्षण में 73 शहरों का आकलन किया गया था। इस साल सर्वेक्षण में 4,354 शहरों को शामिल किया गया था।