गुजरात उच्च न्यायालय ने वर्ष 1986 में दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सुरक्षा कर्मियों द्वारा की गई हत्या को ‘सुनियोजित आत्महत्या’ घोषित करने की मांग की गई थी।
याचिका 29 वर्ष पहले दायर की गई थी लेकिन यह सोमवार को पहली बार सुनवायी के लिए आयी और उच्च न्यायालय ने उसे तत्काल खारिज कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी एम सहाय ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता का अनुरोध है कि यह घोषित किया जाये कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने आत्महत्या की थी, जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता। याचिका को तदनुसार खारिज किया जाता है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘इस याचिका पर जोर डालने के लिए कोई भी पेश नहीं हुआ है।’’
याचिका में आरोप लगाया गया था कि देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री ने ‘‘अपने पुत्र राजीव गांधी को वंशानुगत उत्तराधिकारी के तौर पर सत्ता देने के लिए व्यवस्थित हत्या के जरिये आत्महत्या की और 1984 का चुनाव इंदिरा गांधी की ओर से किये गए राष्ट्रीय बलिदान पर आधारित था।’’
उच्च न्यायालय ने नवनीतलाल शाह की ओर से ‘पार्टी इन पर्सन’ के तौर पर दायर याचिका को लगभग 29 वर्ष बाद स्वीकार करने के चरण में ही खारिज कर दिया।