दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई एयरपोर्ट्स पर 1,000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द होने के बाद शुक्रवार को इंडिगो का संकट और गहरा हो गया। एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी मच गई, यात्री घंटों तक फंसे रहे और कई स्थानों पर लोगों ने विरोध भी किया। इस बड़े व्यवधान के बाद इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स (Pieter Elbers) ने बयान जारी कर यात्रियों से माफी मांगी और बताया कि एक ही दिन में 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
- एल्बर्स ने कहा, “इंडिगो की ओर से देरी या कैंसलेशन के कारण हमारे कई यात्रियों को हुई भारी असुविधा के लिए मैं दिल से माफी मांगना चाहता हूं।” एयरलाइंस ने संकट से निपटने के लिए तीन तरह के कदम उठाए – कस्टमर से लगातार बातचीत कर उनकी जरूरतें पूरी करना, फंसे हुए यात्रियों की यात्रा सुनिश्चित करना, और अपने क्रू की व्यवस्था करने के लिए शुक्रवार को उड़ानों को रद्द करना। हालांकि, एल्बर्स ने यह स्वीकार किया कि पिछले कुछ दिनों में उठाए गए ये कदम प्रभावी साबित नहीं हुए, जिसके चलते सभी सिस्टम और शेड्यूल को रीबूट करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि शनिवार को 1,000 से कम उड़ानें रद्द होंगी और उम्मीद जताई कि 10 से 15 दिसंबर के बीच फ्लाइट सेवाएं पूरी तरह बहाल हो जाएंगी।
- संकट के बाद केंद्र ने फ्लाइट में गड़बड़ी के कारणों और जवाबदेही का पता लगाने के लिए उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दिया। यह संकट नए नियमों के कारण उत्पन्न हुआ, जिनमें पायलटों की साप्ताहिक आराम अवधि को 12 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे कर दिया गया है और प्रति सप्ताह केवल दो रात की लैंडिंग की अनुमति दी गई है, जबकि पहले यह छह थी। इंडिगो ने बड़े पैमाने पर कैंसलेशन का कारण “गलत अनुमान और प्लानिंग में कमी” बताया। इसलिए, सरकार ने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के फ्लाइट ड्यूटी लिमिटेशन (FDTL) नियमों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बयान में कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने फ्लाइट शेड्यूल, विशेषकर इंडिगो एयरलाइंस के शेड्यूल में हो रही गड़बड़ियों को दूर करने के लिए तुरंत और सक्रिय कदम उठाए हैं।
- जैसे ही शुक्रवार को संकट और बढ़ गया, DGCA ने प्राइवेट एयरलाइंस को पायलटों के लिए सख्त नाइट ड्यूटी नियमों से अस्थायी छूट दे दी। एयरलाइन ने रेगुलेटर को बताया कि “उसे फेज-2 FDTL रिक्वायरमेंट के तहत रोस्टर प्लानिंग और क्रू की उपलब्धता में बड़ी संक्रमण संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।” हालांकि, नियमों में केवल एक दिन की छूट से एयरलाइंस के पायलट्स एसोसिएशन, जो पायलट्स की प्रतिनिधि संस्था है, नाराज हो गया। इसने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह फैसला न केवल एक “खतरनाक मिसाल” कायम करता है, बल्कि सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट के मूल सिद्धांत और मकसद को भी कमजोर करता है, जिनके तहत ये नियम बनाए गए थे।
- इंडिगो संकट से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई। विपक्ष ने केंद्र सरकार को दोषी ठहराया और मामला संसद में भी गूंजा। पिछले महीने द इंडियन एक्सप्रेस में छपे अपने कॉलम को साझा करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंडिगो “फiasco” के लिए BJP के नेतृत्व वाली सरकार के “मोनोपोली मॉडल” को जिम्मेदार ठहराया और जोर देकर कहा कि भारत हर सेक्टर में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि “मैच-फिक्सिंग मोनोपोली” का। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने एक पोस्ट में कहा, “इंडिगो fiasco इस सरकार के मोनोपोली मॉडल की कीमत है। एक बार फिर, आम भारतीय ही इसकी कीमत चुका रहे हैं – देरी, कैंसलेशन और लाचारी के रूप में।” इस बीच, BJP सांसद जगदंबिका पाल ने सरकार से यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का आग्रह किया और कहा कि बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसलेशन के कारण संसद सदस्य और अन्य यात्री फंसे हुए हैं।
- कई फ्लाइट्स कैंसिल होने के कारण शुक्रवार को टिकटों के दाम तेजी से बढ़ गए। उस दिन मुंबई–दिल्ली की एकमात्र उपलब्ध उड़ान का किराया प्रति यात्री 51,860 रुपये था, जबकि दिल्ली – मुंबई की एकमात्र फ्लाइट में सीटें 48,972 रुपये में मिल रही थीं। शुक्रवार को कई सेक्टरों में कोई उड़ान उपलब्ध नहीं थी और शनिवार के लिए भी टिकटों की कीमतें ऊंची ही बनी हुई हैं। मुंबई–बेंगलुरु रूट पर शुक्रवार और शनिवार – दोनों दिन कोई फ्लाइट उपलब्ध नहीं है। वहीं शनिवार को दिल्ली–बेंगलुरु फ्लाइट्स का किराया 39,101 रुपये से शुरू हो रहा है। शनिवार को दिल्ली – मुंबई रूट के टिकट 24,999 रुपये से शुरू हैं, जबकि उसी दिन मुंबई–दिल्ली फ्लाइट का किराया (सुबह 3:20 बजे प्रस्थान) 19,259 रुपये से शुरू हो रहा है।
- टिकट कैंसिल होने पर पूरा रिफंड देने का वादा करते हुए एयरलाइंस ने कहा कि राशि यात्रियों के मूल पेमेंट मोड में ऑटोमैटिक रूप से प्रोसेस कर दी जाएगी। एयरलाइन ने घोषणा की, “हम 5 से 15 दिसंबर के बीच की बुकिंग पर सभी कैंसलेशन और रीशेड्यूल रिक्वेस्ट को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के स्वीकार करेंगे।” कंपनी के अनुसार यात्रियों की सुविधा के लिए देशभर के शहरों में हजारों होटल कमरे और सतही परिवहन की व्यवस्था की गई है। एयरलाइन ने यह भी कहा कि एयरपोर्ट पर इंतज़ार कर रहे यात्रियों को भोजन और स्नैक्स उपलब्ध कराने की कोशिश लगातार की जा रही है।
- फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए नॉर्दर्न रेलवे ने शुक्रवार से अगले सात दिनों तक जम्मू–दिल्ली रूट पर चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस में एक अतिरिक्त कोच जोड़ दिया है। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया, “चल रही फ्लाइट बाधाओं को देखते हुए, इंडियन रेलवे ने आज रात (5 दिसंबर) से अगले सात दिनों तक जम्मू–नई दिल्ली राजधानी में 72 सीटों वाला एक 3rd AC कोच बढ़ाने का आवश्यक निर्णय लिया है।” अधिकारी के मुताबिक, फंसे हुए यात्री इस अतिरिक्त कोच में सीटें बुक कर अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं।
- फ्लाइट में देरी के कारण यात्रियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ा, जिससे कई एयरपोर्टों पर अफरा-तफरी, विरोध और एयरलाइन स्टाफ के साथ तीखी बहस की स्थिति पैदा हो गई। बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक महिला, जो अपने बच्चे के साथ पटना में अपने भाई की सगाई में शामिल होना चाहती थीं, एक यात्री जो अपने पिता की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित करने जा रही थीं, और भगवान अयप्पा के भक्त जो सबरीमाला की यात्रा पर थे। सभी फंसे रह गए। जम्मू-कश्मीर में कोलकाता के यात्री ऋषभ कुमार ने PTI से कहा कि यात्रियों को एयरलाइन की ओर से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया, “मुझे कल कोलकाता से श्रीनगर होते हुए दिल्ली पहुंचना था। यह एक कनेक्टिंग फ्लाइट थी। कोलकाता में हमें कहा गया था कि श्रीनगर पहुंचने पर दिल्ली की फ्लाइट तैयार मिलेगी। लेकिन यहां आने के बाद इंडिगो और एयरपोर्ट अधिकारियों दोनों ने किसी तरह की सहायता नहीं की।”
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