देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बारे में यूं तो काफी कुछ लिखा व पढ़ा जा चुका है। हालांकि, अपनी मौत के कुछ समय पहले जवाहर लाल नेहरू ने अमेरिकी पत्रकार को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान को लेकर विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की थी। जानते हुए उस इंटरव्यू की प्रमुख बातों के बारे में।

नेहरू ने इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं बंटवारे के पहले भी पाकिस्तान में लोकप्रिय था और आज भी हूं। वास्तव में मेरी मां पाकिस्तान से ही थी। वह पाकिस्तान के लाहौर से थीं।’ नेहरू ने कहा था कि वह बचपन में कई बार मौजूदा पाकिस्तान में गए थे। नेहरू ने पाकिस्तान की तरफ से युद्ध न करने की घोषणा से इनकार की भी बात कही।

इसका आधार पूछे जाने पर नेहरू ने कहा था कि मुझे नहीं पता लेकिन मुझे लगता है कि वो मानते थे कि यदि वो युद्ध ना करने की घोषणा नहीं  करते हैं तो स्थिति जस की तस बनी रहेगी। नेहरू ने कहा कि हमें इस बारे में बात करके ही मुद्दों को सुलझाना होगा क्योंकि युद्ध से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। हम अपने सामने आने वाली किसी भी समस्या पर चर्चा कर उसे दूर कर सकते हैं।

हिंदू-मुसलमान को अलग नहीं कर सकतेः विभाजन के बाद पाकिस्तान बनने के संदर्भ में नेहरू ने कहा था कि हम भारत में हिंदू और मुस्लिमों को अलग कर ही नहीं सकते हैं। दोनों समुदाय देश के हर गांव में मौजूद हैं। वे लोग एक दूसरे के साथ रहते हैं। विभाजन के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान जाना इन्हें इनकी जड़ों से अलग करने जैसा होगा। विभाजन को लेकर यहीं सबसे बड़ी आपत्ति थी।

विभाजन एक बिल्कुल असाधारण चीज थी। इसने परिवारों को बांट दिया। अब भारत में ऐसे कितने ही लोग है जिनके परिवार पाकिस्तान में रहते हैं। वहीं पाकिस्तान में यही स्थिति है। नेहरू ने कहा था कि हमारे मुस्लिम राजदूत दूसरे देशों में है। उनके मुस्लिम भाई भी पाकिस्तान के राजदूत के रूप में तैनात हैं। यही बात सेना पर भी लागू होती है। कुछ जनरल यहां हैं। उनके भाई, भतीजे वहां सेना में हैं।

भारत के करीब सभी मुस्लिमों को हिंदुओं के वंशजः नेहरू ने इंटरव्यू में कहा था कि हिंदू धर्मांतरण करने वाली नस्ल नहीं है। मुसलमान धर्मांतरण करने के प्रति अधिक उत्सुक थे। उन्होंने धर्मांतरण किया। वास्तव में भारत के करीब सभी मुस्लिम हिंदुओं के वंशज हैं। केवल कुछ ही मुस्लिम बाहर से भारत आए।

 दोस्त के रूप में रहें भारत-पाकिस्तानः नेहरू ने इंटरव्यू में कहा था कि भारत और पाकिस्तान को दोस्त के रूप में रहना चाहिए। दोनों देशों को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में इस सहयोग करना चाहिए। हमें यह याद रखना होगा कि पूरे इतिहास में जो क्षेत्र पाकिस्तान में पड़ता वो एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में नहीं रहे हैं।

पाकिस्तान और उत्तर भारत बोलचाल और क्षेत्र के आधार पर ज्यादा अलग नहीं हैं। सांस्कृतिक रूप से दोनों में कई साझा थीम है। लोगों के स्तर पर भी दोनों देशों के बीच बहुत तनाव नहीं है। लोग यहां से पाकिस्तान जाते हैं, वहां से भारत आते हैं। अपने दोस्तों से बातें करते हैं। इसमें राजनीति सबसे ऊपर है।