भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के.सिवन ने कहा है, “इसरो साल 2022 तक गगनयान को लॉन्च कर देगा। यह देश का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम होगा, जिसके लिए तीन भारतीयों का चयन किया जाएगा। वे तीनों लोग श्रीहरिकोटा से लॉन्चिंग के 16 मिनटों के भीतर ही अंतरिक्ष में पहुंचा दिए जाएंगे।” सिवन के मुताबिक, तीनों भारतीय अंतरिक्ष के लो अर्थ ऑर्बिट में पांच से सात दिन गुजारेंगे।

बता दें कि इसरो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अंतरिक्ष में तीन भारतीयों को भेजने के मिशन पर जोर-शोर से काम कर रही है। पीएम ने इससे पहले स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर अपने भाषण में भी गगनयान को लॉन्च करने को लेकर समयसीमा निर्धारित की थी। पीएम ने कहा था, “2022 से पहले देश का कोई बेटा या बेटी अंतरिक्ष में स्वदेशी गगनयान से पहुंचेगा।”

इसरो चेयरमैन ने गगनयान को लेकर ताजा टिप्पणी मंगलवार (28 अगस्त) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उस दौरान अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी उनके साथ थे। सिवन बोले, “इसरो वर्ष 2022 तक गगनयान को अंतरिक्ष में भेजने के लिए प्रयासरत है।”

सिवन के मुताबिक, मिशन के दौरान तीनों भारतीयों को जो क्रू-मॉड्यूल लेकर जाएगा, वह एक सर्विस मॉड्यूल से जुड़ा होगा। इन दोनों  (ऑर्बिट मॉड्यूल) को जीएसएलवी एमके 3 रॉकेट से भेजा जाएगा। वे तीनों इसके बाद केवल 16 मिनट में लो अर्थ ऑर्बिट में पहुंच जाएंगे, जो कि पृथ्वी से 300 से 400 किलोमीटर दूर है। मॉड्यूल के भीतर क्रू को वहां पर पांच से सात दिन बिताने पड़ेगे। क्रू उस दौरान माइक्रो ग्रैविटी और विज्ञान से जुड़े कई परीक्षण किए जाएंगे।

इसरो प्रमुख ने इसके आगे भारतीयों की पृथ्वी पर वापसी के बारे में भी बताया। वह बोले, “ऑर्बिट मॉड्यूल लौटते समय अपने आप दिशा को बदल लेगा। डी-बूस्ट प्रक्रिया में क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल भी अलग हो जाएंगे। क्रू मॉड्यूल आगे भारतीयों को लेकर पृथ्वी की ओर लौट रहे होंगे, तब उसका ब्रेकिंग सिस्टम भी सक्रिय हो जाएगा। उसके पैराशूट्स भी उसी दौरान खुलेंगे। क्रू मॉड्यूल को अरब सागर में गुजरात के तट के पास उतारने की योजना है।”

बकौल सिवन, “भारतीयों को अंतरिक्ष भेजे जाने से पहले मानवरहित परीक्षण होंगे। पहला मानवरहित फ्लाइट परीक्षण आज से 30 महीने बाद होगा, जबकि दसूरा 36 माह बाद किया जाएगा। देश से अंतरिक्ष जाने वाले यात्रियों के लिए खास स्पेस सूट भी बनाए गए हैं।”