भारत में कोरोना के मामलों की बात करें तो 16 फरवरी को सरकारी आंकड़ों मुताबिक 24 घंटों में 30,615 नए मामले सामने आए। वहीं 514 लोगों की इस महामारी से मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना की वजह से अबतक देश में कुल 5,09,872 मौतें हुई है। हालांकि बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोविड -19 मृत्यु दर आधिकारिक गणना की तुलना में छह से आठ गुना अधिक है।

अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि नवंबर 2021 की शुरुआत में 32 से 37 लाख के बीच लोगों की कोविड से मृत्यु हुई थी। उस वक्त राज्यों के आंकड़ों के आधार पर केंद्र की गिनती लगभग 460,000 थी। तब से मौत की आधिकारिक गिनती बढ़कर 509,872 से अधिक हो गई है।

फ्रांस के रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट में जनसांख्यिकी के विशेषज्ञ क्रिस्टोफ़ गिलमोटो ने देशव्यापी मौतों का अनुमान लगाने के लिए चार अलग-अलग केरल की आबादी, भारतीय रेलवे के कर्मचारी, विधायक और सांसद, और कर्नाटक में स्कूली शिक्षकों को लेकर रिसर्च की।

यह अनुमान यदि सही हैं, तो भारत सबसे अधिक मृत्यु दर वाला देश होगा। जोकि अब तक अमेरिका में लगभग 8 लाख और ब्राजील में 6 लाख लोगों की मौत से काफी आगे है। दुनिया भर में मरने वालों की संख्या मौजूदा 5.8 मिलियन से अधिक हो जाएगी। नाम न बताने की शर्त पर एक शैक्षणिक संस्थान के एक सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा, “जो तस्वीर सामने आ रही है वह डेटा के अलग-अलग स्रोतों से मिलती-जुलती है। और यह इस बात की तरफ इशारा करती है कि हमारे मृत्यु दर के आंकड़ों को संशोधित करने की आवश्यकता है।”

गिलमोटो ने अपनी रिपोर्ट में 18 अक्टूबर, 2021 तक केरल से मिले से 26 हजार 628 कोविड-19 मौतों को शामिल किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 5 हजार 837 विधायकों और सांसदों में 43 मौतें, भारतीय रेलवे कर्मचारियों में 1,952 मौतें, और कर्नाटक में स्कूली शिक्षकों की 268 मौतें शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान भारत में गतिविधियां जारी रहीं। खासकर नवंबर 2020 और अप्रैल 2021 के बीच पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले और अप्रैल 2021 में उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों से पहले। ऐसे में भारत में कोरोना की दूसरी लहर भी बढ़ी। विशेषज्ञ ने कहा कि भारत में हर साल अलग-अलग कारणों से लगभग 90 लाख मौतें होती हैं। इनकी सही जानकारी जनगणना या घरेलू सर्वेक्षण से संभव है।