एनआरआई दूल्हे के साथ विदेश में रहने का सपना सजाएं भारतीय महिलाओं में सबसे ज्यादा प्रताड़ित पंजाब की महिलाएं हैं। उसके बाद महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल सहित दूसरे राज्यों से महिलाएं आती हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वार्षिक रपट बताती हैं कि शादी के बाद अक्सर ये दूल्हे अपनी पत्नी को छोड़कर चले जाते हैं या उनका शोषण करते हैं। साल 2024 में ऐसे 429 नई शिकायतें दर्ज हुई थी। साल 2025 में एक जनवरी से 31 मार्च तक यह आंकड़ा करीब 110 का रहा।

वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़े बताते हैं कि साल 2025 में एनआरआई सेल को सबसे ज्यादा नई शिकायतें पंजाब से मिली। इस राज्य से सेल को 49 शिकायतें मिली। वहीं महाराष्ट्र से 37, दिल्ली से 31 मामले सामने आए। इसके अलावा केरल सहित अन्य राज्यों से भी मामले सामने आए। अधिकारियों की माने तो दो देशों के बीच का मामला होने के कारण इन्हें सुलझाने में काफी दिक्कत आती हैं। मंत्रालय की वार्षिक रपट के मुताबिक ऐसे मामलों को सुझाने के लिए आयोग महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय जैसे विभिन्न मंत्रालयों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाता है।

पीड़ित महिलाओं द्वारा शुरू की गई कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया को विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय करके तेज किया जाता है। साथ ही संबंधित पुलिस विभाग, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, विदेशों में भारतीय दूतावासों और मिशनों, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (विदेश मंत्रालय) सहित संबंधित अधिकारियों के साथ कोशिश की जाती है। उनसे की गई कार्रवाई की रपट (एटीआर) मांगी जाती है। साल 2024 में संबंधित अधिकारियों और अन्य लोगों को करीब 2227 पत्र जारी किए गए। साथ ही आयोग के एनआरआई सेल को साल 2024 और 2025 में मिले सभी शिकायतों पर कार्रवाई शुरू की गई।

पढ़ें- मर्चेंट नेवी के कैप्टन की हत्या का आरोपी यूएई से लाया जाएगा वापस

महिलाओं की मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की शिकायतें

आयोग के सेल के पास आने वाली शिकायतों में शादी के कुछ समय बाद ही पति के विदेश लौटना, पत्नी को भारत में अकेला छोड़ देना, विदेश ले जाकर वहां बेसहारा छोड़ना, पति की नौकरी, आय, नागरिकता या वैवाहिक स्थिति को लेकर गलत जानकारी देना सहित अन्य तरह के मामले सामने आते हैं। इसके अलावा एनआरआई शादियों में वीजा और पासपोर्ट से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही है। कई मामलों में पत्नी का वीजा जानबूझकर नहीं लगवाया जाता या उसके दस्तावेज अपने पास रख लिए जाते हैं। दहेज की मांग पूरी न होने पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न की शिकायतें आती है। इसके अलावा विदेश में भाषा, कानून और सामाजिक सहयोग की कमी के कारण पीड़ित महिलाओं के लिए मदद पाना कठिन हो जाता है।

नौ देशों में महिलाओं की मदद के लिए सुविधा

रपट के मुताबिक एनआरआई वैवाहिक विवादों से जुड़े मामलों और विदेशों में भारतीय महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं और हिंसा का हल करने के लिए विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशन में वन स्टाप सेंटर और समर्पित हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं शुरू की गई। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर, कुवैत, ओमान, सऊदी अरब, सिंगापुर और कनाडा में सुविधा में दी गई। गौरतलब है कि एनआरआई दूल्हों से जुड़ी शादियां टूटने की समस्या भारत में एक गंभीर सामाजिक मुद्दा बन गया है जिसमें पंजाब की महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हैं। पंजाब में इस तरह के मामले अधिक होने के पीछे कई कारण और कारक जिम्मेदार हैं जिनमें सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक पहलू शामिल हैं।

पढ़ें- कनाडा में भारतीयों की सुरक्षा का सवाल

वर्ष 2025 में सबसे अधिक पंजाब से आए 49 मामले, महाराष्ट्र से 37, दिल्ली से 31 सहित अन्य राज्यों से आए मामले, एनआरआई सेल को साल 2024 में मिले थे 429 नई शिकायतें।