भारत विरोधी बयानबाजी तेज करते हुए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि उनके देश में 10 मई के बाद एक भी भारतीय सैन्यकर्मी मौजूद नहीं रहेगा , यहां तक कि सादे कपड़ों में भी नहीं। मुइज्जू का यह बयान तब आया है जब कुछ समय पहले भारत की एक सिविलियन टीम मालदीव में एक एविएशन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले सैन्यकर्मियों की जगह लेने वहां पहुंची थी।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले ग्रुप की वापसी के लिए 10 मार्च 2024 की समयसीमा तय की थी। न्यूज पोर्टल ‘एडीशन डॉट एमवी’ ने बताया किबा द्वीप के इधाफुशी आवासीय समुदाय को संबोधित करते हुए मालदीव के राष्ट्रपति ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने में उनकी सरकार की सफलता के कारण झूठी अफवाहें फैला रहे लोग स्थिति को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। पोर्टल ने चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के हवाले से कहा, ‘‘यह कहना कि ये लोग (भारतीय सेना) देश छोड़कर जा नहीं रहे हैं, वे सादे कपड़े पहनकर अपनी वर्दी बदलने के बाद वापस लौट रहे हैं। हमें ऐसे विचार नहीं लाने चाहिए जो हमारे दिलों में संदेह पैदा करें और झूठ फैलाएं।’’

भारतीय सेना किसी भी तरह के कपड़ों में इस देश में नहीं रहेगी- मालदीव के राष्ट्रपति

मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘10 मई के बाद देश में कोई भारतीय सैनिक मौजूद नहीं रहेगा। न ही वर्दी में और न ही सादे कपड़ों में। भारतीय सेना किसी भी तरह के कपड़ों में इस देश में नहीं रहेगी। मैं विश्वास के साथ यह कहता हूं।’’ उन्होंने यह बयान ऐसे दिन दिया है जब उनके देश ने नि:शुल्क सैन्य सहायता हासिल करने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इससे पहले, 2 फरवरी 2024 को दोनों पक्षों के बीच दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत इस द्वीपीय देश में तीन एविएशन प्लेटफॉर्म में अपने सैन्यकर्मियों को बदलेगा और इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा किया जाएगा। पांच फरवरी को संसद में दिए अपने पहले संबोधन में भी मुइज्जू ने ऐसी ही टिप्पणियां की थीं।

10 मई तक की समयसीमा

गौरतलब है कि अभी भारत के 88 सैन्यकर्मी मालदीव में हैं, जो मुख्य रूप से दो हेलीकॉप्टर और एक विमान का संचालन करने के लिए हैं। इनके जरिये सैकड़ों मेडिकल बचाव और मानवीय सहायता मिशन को पूरा किया गया है। ‘एडीशन डॉट एमवी’ ने बताया कि देश छोड़कर जाने वाले पहले सैन्य कर्मी अद्दू सिटी में दो हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहे भारतीय सैन्यकर्मी हैं। हा धालू द्वीप हनीमाधू और लामू द्वीप काहधू में मौजूद सैन्यकर्मियों के भी 10 मई से पहले मालदीव से जाने की संभावना है।

इस बीच, स्थानीय मीडिया में आयी खबरों में यह भी कहा गया है कि मालदीव ने मेडिकल बचाव मिशन के लिए विमानों का संचालन करने के लिए पिछले सप्ताह श्रीलंका के साथ सफलतापूर्वक समझौता किया है। इससे यह संकेत मिलता है कि वह सभी भारतीय सैनिकों को हटाने पर तुला है।