Indian Railways: भारतीय रेल यात्रियों को आगामी दिनों में अधिक सुविधाएं देने के लिहाज से बड़ा और अहम कदम उठा सकता है। दरअसल, रेलवे इन दिनों राजधानी और शताब्दी सरीखी प्रीमियम रेलगाड़ियों के संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को देने के बारे में सोच-विचार कर रहा है। कहा जा रहा है कि रेल मंत्रालय इस मसले कुछ दिनों बाद हरी झंडी भी दे सकता है।

सूत्रों के हवाले से विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि फिलहाल रेलवे ने 100 दिनों का लक्ष्य तय किया है, जिसके तहत इन ट्रेनों को चलाने का जिम्मा निजी कंपनियों को दिया जा सकता है। हालांकि, इससे इन गाड़ियों में कई सुविधाएं बढ़ने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं, जबकि यह भई कहा जा रहा है कि यात्रियों को यात्रा के दौरान बढ़िया सुविधा मुहैया कराने के बाद भी कम रेल खर्च होगा।

वैसे, किराए की ऊपरी सीमा तय करने का काम रेलवे का होगा। ऐसे में ये कंपनियां यात्रियों से बेहतर सेवा के नाम पर अधिक रकम नहीं वसूल पाएंगी। सूत्रों ने आगे बताया, इस योजना के तहत रेल के डिब्बे और इंजन का जिम्मा भारतीय रेल का होगा, जबकि शेष बोगियों का संचालन निजी कंपनियां संभाल सकती हैं।

योजना सफल रही, तो निजी भागीदारी चरण दर चरण बढ़ाई जाएगी। योजना के मुताबिक, शुरुआत में राजधानी और फिर शताब्दी ट्रेनों में इसे लागू किया जाएगा। इन ट्रेनों का संचालन टेंडर के जरिए कंपनियों को दिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए क्या रूपरेखा होगी? फिलहाल तय किया जाना बाकी है। इतना ही नहीं, ये सेवा यात्री गाड़ियों के अलावा माल गाड़ियों में भी लागू की जा सकती है।

इसी बीच, भारतीय रेल ट्रेनों में साफ-सफाई पर खासा ध्यान दे रहा है। कुछ दिनों पहले ही रेलवे ने ‘क्लीन रेल ऐप’ लॉन्च किया था। यात्री इसके जरिए सफर के दौरान बोगी में किसी प्रकार की भी गंदगी साफ करा सकते हैं। खास बात है कि ऐप के जरिए शिकायत पर तत्काल सुनवाई और कार्रवाई होती है। अब रेलवे ने सभी ट्रेनों व रेल स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा देने का टारगेट रखा है।