भारतीय रेलवे एक जुलाई से अपने ग्राहकों के लिए कई सारे बदलाव करने जा रहा है। ये बदलाव जहां भारतीय रेलवे के उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक रहेंगे वहीं, रेलवे के लिए भी फायदेमंद होंगे। रेलवे जहां रिजर्वेशन प्रोसेस में बदलाव कर रही है, वहीं रीजनल भाषा में भी टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे। इसे साथ ही रेलवे ने फैसला किया है कि अब ऑनलाइन वेटिंग टिकट नहीं मिलेंगे। ऑनलाइन केवल कंफर्म और आरएसी टिकट ही मिलेंगे।
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साथ ही एक जुलाई से सुविधा ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। ये ट्रेनें राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की तरह ही होंगी। इन ट्रेनों में केवल कंफर्म टिकट ही मिलेंगी। इनमें वेटिंग टिकट का सिस्टम नहीं रखा गया है। साथ ही एक जुलाई से भारतीय रेलवे ने शताब्दी, राजधानी और कई अन्य ट्रेनों के कोचों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कंफर्म टिकट मिल सकें। इसके साथ ही राजधानी और शताब्दी ट्रेन को पेपरलेस बनाया जाएगा, इन ट्रेनों के लिए केवल मोबाइल पर टिकट जारी किए जाएंगे। प्रिमियम ट्रेन बंद कर दी जाएंगी।
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एक अन्य बदलाव जो रेलवे करने जा रहा है, उसके मुताबिक टिकट कैंसिल कराने पर उसकी आधी कीमत यात्रियों को वापस मिलेगी। टिकट रद्द कराने का चार्ज अलग-अलग कोच के हिसाब से होगा। तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर भी आधी कीमत वापस की जाएगी। फर्स्ट और सेकेंड एसी का टिकट कैंसिल कराने पर 100 रुपए, एसी थर्ड के लिए 90 रुपए और स्लीपर के लिए 60 रुपए रखा जाएगा।
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इसके अलावा अब कोई भी व्यक्ति 50 हजार रुपए में सात दिनों के लिए कोच बुक करा सकता है। इसके साथ ही 9 लाख रुपए में 18 डिब्बों की पूरी रेलगाड़ी बुक करा सकते हैं। 18 डिब्बों से ज्यादा कोच की जरूरत होने पर प्रति कोच 50 हजार रुपए का भुगतान करना होगा।
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