Indian Railways News: भारतीय रेलवे आने वाले दिनों में चलती ट्रेनों से पटरियों की सफाई कर सकता है। इस सुविधा के लिए रेलवे के लोकोमोटिव शेड साबरमती ने एक तकनीक विकसित की है। यह तकनीक निर्वात सफाई (वैक्यूम क्लीनर) के आधार पर काम करेगी। इस यंत्र को लोकोमोटिव से ही नियंत्रित किया जा सकेगा।

रेलवे अधिकारी के अनुसार, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लोकोमोटिव शेड साबरमती ने एक अहम पहल की है। शेड की तकनीकी टीम ने संस्थान के अंदर (इन-हाउस) निर्वात सहायता प्राप्त पटरी साफ करने वाले यंत्र की रचना व निर्माण किया है। इससे रेलवे पटरियों की सफाई अधिक प्रभावी और सुरक्षित तरीके से की जा सकेगी।

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लोकोमोटिव में होगा खास सिस्टम

रेलवे की इस अत्याधुनिक यंत्र में एचएचपी लोकोमोटिव के रेडिएटर पंखे का उपयोग किया गया है। इस पंखे को सीधे लोकोमोटिव की विद्युत आपूर्ति से चलाया जाता है। पंखे के चैंबर को कचरा जमा करने वाले जगह से जोड़ा गया है, जिससे पटरियों पर मौजूद कचरा सीधे संग्रह टैंक में पहुंच जाता है। पटरियों पर सफाई अभी बड़ी चुनौती बनी हुई है, कई जगहों पर पटरियों को साफ करना संभव नहीं हो पाता।

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विकसित किए गए यंत्र को तीन गति में चलाया जा सकेगा। इसमें धीरे, मध्यम और तेज तीन गति तय की गई है। यंत्र को चलाने के लिए चालक की मेज पर ही पंखे को बंद व चालू करने और गति नियंत्रित करने का बटन होगा। साथ ही चालक अपनी सीट से ही सक्शन क्षमता को नियंत्रित कर सकता है। पंखे की गति 1000 से 1800 आरपीएम तक रहती है, जो प्रभावी वैक्यूम सक्शन सुनिश्चित करती है।

कैसे काम होगा

इस मशीन की खास बात यह है कि सफाई कार्य लोकोमोटिव के चलने के दौरान भी किया जा सकता है। यंत्र के संचालन से लोकोमोटिव के नियंत्रण प्रणालीपर कोई असर नहीं पड़ता, जिससे सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होता है। इस यंत्र की मदद से बड़ी क्षमता में कूडा जमा प्रणाली की सुविधा है। इस यंत्र में 120, 55, 65 इंच आकार का कचरा संग्रह कक्ष दिया गया है। इसके अंदर भारी जाल थैला लगाया गया है, जिससे एकत्र कचरे को आसानी से बाहर निकाला जा सके।

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