Indian Railways: भारतीय रेलवे जल्द ही देश को दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस देने वाला है। मई के शुरुआती हफ्ते में बगैर इंजन वाली यह ट्रेन चलाई जा सकती है। रेलवे ने इसके अलावा पहले प्रोटोटाइप मॉडल की तुलना में इसमें कुछ फेरबदल भी किए हैं। साथ ही ट्रेन को पत्थरबाजी की घटनाओं से बचाने के लिए खास बंदोबस्त भी कर लिया है। बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस देश की पहली बगैर इंजन वाली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन-18 के नाम से भी जानी जाती है, जो कि लग्जरी एसी चेयर कार ट्रेन है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत तैयार किया गया है। माना जा रहा है कि यह आने वाले समय में शताब्दी ट्रेनों की जगह ले लेगी।
फाइनैंशियल एक्सप्रेस से बातचीत में आईसीएफ के अधिकारी ने बताया, “दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस मई के पहले हफ्ते तक तैयार हो सकती है। पहली वाली ट्रेन-18 प्रोटोटाइप थी। प्रतिक्रियाओं और सुझावों के आधार पर हमने इसके दूसरे मॉडल में कुछ फेरबदल किए हैं, जबकि मई में हमें इसे चालू करना है।”
अधिकारी ने आगे यह भी कहा कि आईसीएफ को इस वित्त वर्ष में 10 वंदे भारत एक्सप्रेस बनाने का लक्ष्य दिया गया है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि मई में ट्रेन-18 के दूसरे मॉडल के बाद इस साल सिर्फ तीन ही और गाड़ियां आ पाएंगी। बकौल अधिकारी, “आशावादी होकर बात करें तो अक्टूबर तक ट्रेन की तीसरी रेक तैयार हो जाएगी, जबकि दिसंबर तक चौथी बनेगी और फरवरी 2020 तक एक और मॉडल बन जाएगा।”
दूसरी वाली ट्रेन 18 की खिड़कियों में स्पेशल फ्रेम होंगे, जो कि कांच को चिटकने से बचाएंगे। दरअसल, वंदे भारत एक्सप्रेस लॉन्च होने के बाद दिल्ली-वाराणसी रूट पर यह कई बार पत्थरबाजी का शिकार हुई थी। घटना के दौरान ट्रेन की खिड़कियों को नुकसान भी पहुंचा था, जिसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह बंदोबस्त किया है। यही नहीं, नई वंदे भारत एक्सप्रेस की पैंट्री कार भी पहले की तुलना में बड़ी होगी।