त्रिपुरा में बिजली से चलने वाली ट्रेनें फरवरी 2025 से चलने लगेंगी। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में प्रमुख विद्युतीकरण परियोजना के पूरा होने के साथ ही राज्य में इलेक्ट्रिसिटी से ट्रेनें चलने लगेंगी। वर्तमान में त्रिपुरा में डीजल से चलने वाले ट्रेन इंजन हैं। 2022 में शुरू की गई 46 करोड़ रुपये की विद्युतीकरण परियोजना त्रिपुरा को राष्ट्रीय रेलवे ग्रिड से जोड़ेगी।

TSECL कर रहा तैयारी

अधिकारियों ने कहा कि त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (TSECL) फरवरी तक राज्य में रेलवे की लाइन को बिजली की आपूर्ति करने के लिए तैयार हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे (NFR) ने त्रिपुरा में धर्मनगर के माध्यम से बदरपुर से अगरतला तक विद्युतीकरण का काम पहले ही पूरा कर लिया है।

टीएसईसीएल के सहायक महाप्रबंधक निरुपम गुहा ने पीटीआई को बताया, “हमने तीन ट्रैक्शन पावर सबस्टेशनों के निर्माण का काम शुरू किया था। उनाकोटी जिले में कुमारघाट, खोवाई जिले में तेलियामुरा और गोमती जिले में उदयपुर ये शुरू हो गया है। कुमारघाट सबस्टेशन का निर्माण पिछले साल मार्च में पूरा हुआ था। उदयपुर में सबस्टेशन इस महीने तक और तेलियामुरा में फरवरी तक पूरा हो जाएगा।”

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यात्रियों को होगा फायदा

निरुपम गुहा ने कहा, “तीन ट्रैक्शन सबस्टेशनों के पूरा होने के बाद, टीएसईसीएल धर्मनगर से अगरतला और अन्य जगहों पर रेलवे इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन लाइन को ऊर्जा प्रदान करने के लिए हर तरह से तैयार हो जाएगा। रेलवे ने प्रत्येक सबस्टेशन के लिए प्रतिदिन 5 मेगावाट बिजली मांगी है और यदि आवश्यकता हुई तो अधिक बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। हमें विश्वास है कि एक बार यह परियोजना पूरी हो जाने के बाद त्रिपुरा में अधिक अपग्रेडेड और तेज ट्रेनें शुरू की जाएंगी। यह राज्य के बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा के अनुसार, लुमडिंग-बदरपुर खंड के पहाड़ी हिस्से को छोड़कर, बदरपुर से धर्मनगर होते हुए अगरतला तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा, “लुमडिंग से अगरतला तक विद्युतीकरण का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाए गए हैं।” जानें सस्ते ट्रेन टिकट बुक करने का सीक्रेट