इंडियन रेलवे में ट्रेन टिकट दो तरीके से बुक किए जा सकते हैं, ऑफलाइन और ऑनलाइन। ऑफलाइन टिकट के लिए आमतौर पररेलवे स्टेशनों पर बने काउंटर पर जाना होता है। इन काउंटर टिकट की कीमत ऑनलाइन टिकट की तुलना में कम होती है। ऐसा क्यों होता है रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बारे में खुद बताया है।

सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सर्विस चार्ज और लेन-देन शुल्क के कारण IRCTC के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों को रेलवे काउंटरों पर लाइन में लगकर टिकट खरीदने वालों की तुलना में अधिक भुगतान करना पड़ता है।

काउंटर टिकट के मुकाबले क्यों महंगा पड़ता है ऑनलाइन टिकट?

भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) टिकट की कीमत में अंतर के संबंध में शिवसेना के संजय राउत द्वारा पूछे गये सवाल के लिखित जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘आईआरसीटीसी ऑनलाइन टिकटिंग सुविधा प्रदान करने पर काफी खर्च करता है और टिकट बुनियादी ढांचे के रखरखाव, अपग्रेडेशन और एक्स्पेंशन में होने वाले खर्च को चुकाने के लिए आईआरसीटीसी सर्विस चार्ज लगाता है।’’ अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसके अलावा, ग्राहक बैंकों को लेनदेन शुल्क का भुगतान भी करते हैं।

आरक्षित टिकटों में से 80 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन बुक किए जाते- अश्विनी वैष्णव

संजय राउत उन कारणों को जानना चाहते थे कि आईआरसीटीसी के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों को रेलवे काउंटरों पर खड़े होकर टिकट खरीदने वालों की तुलना में अधिक भुगतान क्यों करना पड़ता है। जिस पर रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि आईआरसीटीसी द्वारा प्रदान की जाने वाली ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा भारतीय रेलवे की सबसे यात्री अनुकूल पहलों में से एक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आरक्षित टिकटों में से 80 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन बुक किए जाते हैं।

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ऑनलाइन टिकट बुक करने पर यह होता है फायदा

रेल मंत्री ने कहा, ‘‘आईआरसीटीसी ने ऑनलाइन आरक्षित टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान की है, जिससे यात्रियों को टिकट बुक करने के लिए आरक्षण काउंटर पर जाने की परेशानी से राहत मिलती है और इससे यात्रा के समय और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज में भी बचत होती है।’’  पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स