राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी रविवार को तीन अफ्रीकी देशों- घाना, आइवरी कोस्ट और नामीबिया के छह दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए। इन देशों को ऐसी मजबूत राजनीतिक व्यवस्था के तौर पर जाना जाता है जहां लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं और इन देशों की यात्रा का उद्देश्य इनके साथ व्यापारिक संबंधों को और अधिक पुख्ता बनाना है। किसी भारतीय राष्ट्रपति की घाना और आइवरी कोस्ट की यह पहली यात्रा है जबकि नामीबिया में किसी राष्ट्रपति की यात्रा दो दशक बाद हो रही है।

मुखर्जी हालांकि अफ्रीकी महाद्वीप के कई देशों में गए हैं, लेकिन अपने लंबे राजनीतिक करियर में वे पहली बार इन देशों के दौरे पर जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन में मुखर्जी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग सहित अन्य हस्तियों ने परंपरागत तरीके से रवाना किया।

विदेश मंत्रालय के सचिव (ईआर) अमर सिन्हा ने बताया इन देशों को हम मजबूत राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में अच्छे देशों के तौर पर देखते हैं जहां लोकतंत्र की गहरी जड़ें हैं और अपने क्षेत्रों में यह अच्छा कर रहे हैं। राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और सांसद एसएस अहलूवालिया व मनसुख लाल मंडाविया भी गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति का यह अत्यंत महत्वपूर्ण दौरा है। वे आइवरी कोस्ट और घाना पहली बार जा रहे हैं, जबकि नामीबिया की उनकी यात्रा किसी राष्ट्रपति की 21 साल बाद हो रही यात्रा है। यह केवल प्रतीकात्मक यात्रा नहीं है बल्कि इसमें शिक्षा, आर्थिक और सामुदायिक तत्व भी शामिल हैं।