भारतीय मूल के लोग वैश्विक राजनीति में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। दुनिया भर के 29 देशों में 261 लोग जनप्रतिनिधि के रूप में कार्यरत हैं, जिनमें ब्रिटेन, मारीशस, फ्रांस, अमेरिका आदि प्रमुख हैं। सरकार की ओर से राज्यसभा में दिया गया यह आंकड़ा वैश्विक स्तर पर भारतीय प्रवासियों के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। साथ ही यह भारतीय मूल के लोगों की बढ़ती शक्ति को रेखांकित करता है, जो दुनिया भर में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भाग ले रहे हैं। दुनिया के अन्य देशों में 3.43 करोड़ से अधिक भारतीय निवास करते हैं।

राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू के सवाल पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित में यह जानकारी दी। सिंह ने अपने जवाब के साथ 29 देशों की सूची भी दी, जिसमें भारतीय मूल के जनप्रतिनिधियों की संख्या देशवार दी गई थी। इस सूची के मुताबिक, मारीशस में सबसे अधिक 45 भारतीय मूल के लोग चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। भारतीय मूल के नवीन रामगुलाम मारीशस के प्रधानमंत्री हैं। इसी तरह गुयाना में भारतीय मूल के 33 लोग चुन हुए जनप्रतिनिधि हैं। ब्रिटेन में 31, फ्रांस में 24, सूरीनाम में 21, त्रिनिदाद एवं टोबैगो में 18 और फिजी व मलेशिया में भारतीय मूल के जनप्रतिनिधियों की संख्या 17-17 है। अमेरिका में भारतीय मूल के छह लोग जनप्रतिनिधि हैं।

ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में बनाया अपना नाम

इसके अलावा मंत्री ने बताया कि दुनिया के अन्य देशों में भारतीय मूल के 3,43,56,193 (जनवरी, 2025 तक) लोग रहते हैं। इस सूची में दुनिया के 206 देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की संख्या शामिल है। इस सूची के मुताबिक, अमेरिका में सबसे ज्यादा 56 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग निवास करते है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में करीब 39 लाख, सऊदी अरब में साढ़े 47 लाख, मलेशिया में 29 लाख से अधिक, ब्रिटेन में 13 लाख से ज्यादा, कुवैत में 10 लाख और आस्ट्रेलिया में भी करीब 10 लाख भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं। इस सूची के मुताबिक, पाकिस्तान और सैन मरीनो में कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति निवास नहीं करता है।

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मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रवासी भारतीयों को जोड़ने और उन्हें राष्ट्र निर्माण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, निवेश व अपनी मातृभूमि के विकास में योगदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं। ऐसी पहल सरकार की प्रवासी सहभागिता नीति का अहम घटक हैं। मंत्रालय प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ने व उनकी विशेषज्ञता, संसाधनों और सद्भावना का लाभ उठाने के लिए विविध योजनाओं को लागू कर रहा है। इन पहलों ने प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत किया है और प्रवासी सदस्यों को ‘विकसित भारत’ की दिशा में भारत के विकास में सक्रिय रूप से भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।