केंद्र सरकार ने बुधवार को इंडियन नेवी को पांच बेड़ा समर्थन वाले जहाज बनाने की परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना पूरी होने के बाद नेवी के युद्धपोतों को ईंधन, गोला बारूद और भोजन भरने में मदद मिलेगी। इन जहाजों का निर्माण छोटे और मध्यम उद्योगों के सहयोग से किया जाएगा। इनका निर्माण विशाखापट्टनम स्थित रक्षा मंत्रालय के हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड में होगा।
परियोजना पर कुल 20,000 करोड़ का खर्च आएगा
बुधवार को सरकार की उच्चस्तरीय बैठक हुई और इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना पर कुल 20,000 करोड़ का खर्च आएगा। वहीं इस परियोजना से हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को 8 वर्षों में सभी जहाजों की डिलीवरी करनी होगी। इसमें हर एक जहाज का वजन करीब 45000 टन होगा।
भारत ने वियतनाम को दिया एक बड़ा तोहफा
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही भारत ने वियतनाम को एक बड़ा तोहफा दिया था। भारतीय नौसेना में राष्ट्र के लिए 32 साल की सेवा पूरी करने के बाद युद्धपोत ‘कृपाण’ को पूरे हथियारों के साथ वियतनाम पीपल्स नेवी को सौंप दिया था। भारत सरकार की एक्ट ईस्ट और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास की नीतियों के अनुरूप इसे वियतनाम को सौंपा गया था।
बता दें कि आईएनएस कृपाण 1991 में कमीशनिंग के बाद से भारतीय नौसेना का एक अभिन्न अंग रहा है। कृपाण ने पिछले 32 वर्षों में कई ऑपरेशन में भाग लिया। यह जहाज 90 मीटर लंबा, 10.45 मीटर चौड़ा और इसका वजन 1450 टन है। कृपाण जहाज बंदूकें, लांचर और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से सुसज्जित है।
भारतीय वायुसेना इस साल के अंत में होने वाली राष्ट्रीय हवाई अभ्यास तरंग शक्ति की मेजबानी करने वाला था। लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बयान जारी कर कहा कि यह अभ्यास होगा और उसके लिए फिर से योजना बनाई जा रही है। इस अभ्यास में मित्र देशों की वायुसेना शामिल होंगी। कहा गया कि अभ्यास को इस वर्ष के लिए योजनाबद्ध किया गया था लेकिन मित्र देशों की बेहतर ढंग से भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अभ्यास को अगले वर्ष के लिए टाल दिया गया है। अगले वर्ष यह अभ्यास फिर से होगा।