भारतीय नौसेना ने अदन की खाड़ी में एक जहाज पर ड्रोन हमले के बाद इमरजेंसी मैसेज मिलने पर तुरंत मदद पहुंचाई। नौसेना ने बताया कि यह घटना बुधवार की है जब अदन की खाड़ी में समुद्री डाकुओं को रोकने के लिए तैनात युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम को ड्रोन हमले बाद मदद के लिए सूचना मिली। जहाज पर सवार चालक दल के कुल 22 सदस्यों में से 9 भारतीय थे।

पिछले महीने से पश्चिमी अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमलों के बीच मार्शल द्वीप के झंडे वाले जहाज जेंसो पिकार्डी पर बुधवार देर रात ड्रोन हमला हुआ। जिसके बाद नौसेना के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापट्टनम ने तुरंत सहायता पहुंचाई। नौसेना ने कहा कि नौ भारतीयों सहित 22 चालक दल वाले एमवी जेंसो पिकार्डी में कोई हताहत नहीं हुआ और आग नियंत्रण में है। हमले का सटीक स्थान फिलहाल पता नहीं चला है।

INS विशाखपट्टनम ने पहुंचाई मदद

युद्धपोत ने प्रभावित जहाज को गुरुवार सुबह करीब 6 बजे ढूंढा और तुरंत मदद पहुंचाई। आग पर काबू पा लिया गया है, जहाज पर सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। विशाखापट्टनम युद्ध पोत में मौजूद नौसैन्य विशेषज्ञों ने जहाज की जांच की है। जिसके बाद जहाज अब अपनी अगली बंदरगाह यात्रा की ओर बढ़ रहा है।

एक बयान में नौसेना ने कहा कि समुद्री डकैती विरोधी अभियानों के लिए अदन की खाड़ी में तैनात आईएनएस विशाखापट्टनम ने बुधवार रात 11.11 बजे एक ड्रोन हमले के बाद मार्शल द्वीप के झंडे वाले एमवी गेंसों पिकार्डी के संकट कॉल का तेजी से जवाब दिया। नौसेना ने कहा, “अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त कर रहे आईएनएस विशाखापट्टनम ने डिस्ट्रेस कॉल को स्वीकार किया। जिसके बाद सहायता प्रदान करने के लिए 18 जनवरी की रात 12.30 बजे जहाजों को रोक दिया।”

जहाज पर पोर्ट अदन से 60 समुद्री मील दक्षिण में हमला किया गया

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस विशाखापट्टनम ने जेंसो पिकार्डी’ जहाज से एक इमरजेंसी मैसेज मिलने के एक घंटे के भीतर जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि कमर्शियल जहाज पर पोर्ट अदन से 60 समुद्री मील दक्षिण में हमला किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के ईओडी विशेषज्ञ जहाज का निरीक्षण करने के लिए बृहस्पतिवार सुबह उस पर गए। अधिकारियों ने बताया कि ईओडी विशेषज्ञों ने गहन जांच के बाद जहाज को आगे की यात्रा के लिए मंजूरी दे दी है।

(इनपुट- कविता जोशी/ जनसत्ता)