सीमा पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय नौसेना ने आज BrahMos सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण अरब सागर में किया गया, जहां आईएनएस चेन्नई से अरब सागर में स्थित एक टारगेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है और इससे नौसेना की ताकत में खासा इजाफा होगा।
ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित और इसका प्रोडक्शन किया है। वहीं इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सभी कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सुरक्षा बलों की ताकत में खासा इजाफा करेगी।
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को सतह, वायु और समुद्र या समुद्र के भीतर यानि कि सबमरीन से भी फायर किया जा सकता है। जिसकी वजह से यह मिसाइल तीनों सेनाओं के लिए उपयोगी है। यह मीडियम रेंज मिसाइल है और इसकी स्पीड ध्वनि से भी करीब तीन गुना ज्यादा है।
चीन से जारी तनाव के बीच भारत ने 290 किलोमीटर तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया हुआ है। बीते साल फाइटर जेट सुखोई 30एमकेआई से भी ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट फायर किया गया था।
बता दें कि बीते करीब डेढ़ माह में भारत ने 10 विभिन्न मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इनमें भारत ने 7 सितंबर को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेशन व्हीकल का टेस्ट किया, जिसका मतलब है कि भारत ने संकेत दिए हैं कि वह जल्द ही सुपरसोनिक मिसाइल से भी तेज हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर लेगा, जो कि काफी अहम है।
इसके अलावा डीआरडीओ ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण अर्जुन टैंक से किया गया था। 23 सितंबर को डीआरडीओ ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम पृथ्वी मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया, जिसकी रेंज 250-350 किलोमीटर तक है।
30 सितंबर को भी डीआरडीओ ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। साथ ही परमाणु हमले में सक्षम शौर्य मिसाइल, शिप रोधी स्मार्ट मिसाइल और एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का भी सफल परीक्षण किया था।