INS Vikrant: भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में एक नया कीर्तिमान हासिल कर लिया है। सोमवार को नौसेना के पायलटों ने आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की सफल लैंडिंग के साथ इतिहास रच दिया है। इसे एलसीए (LCA) नेवी के तौर पर भी जाना जाता है। यह स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमान वाहक को डिजाइन, विकसित, निर्माण और संचालित करने की भारत की क्षमता को दर्शाता है।

भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है आईएनएस विक्रांत

आईएनएस विक्रांत पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। यह भारत में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है। इसका निर्माण कोचिन शिपयार्ड ने किया था। इस पोत पर आसानी से 300 विमानों का संचालन किया जा सकता है। इसका वजन 40 हजार टन है, जो समुद्र के ऊपर तैरता एयरफोर्स स्टेशन है। इससे फाइटर जेट्स, मिसाइलें, ड्रोन के जरिए दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूद कर सकता है। आईएनएस विक्रांत से 32 बराक-8 मिसाइल दागी जा सकती हैं।

विदेशी हवाई युद्धाभ्यास में भाग लेने वाली IAF की पहली महिला पायलट बनीं अवनी चतुर्वेदी

अवनी चतुर्वेदी विदेश में हवाई युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने पहली महिला पायलट बन गयी हैं। कुछ हफ्ते पहले ही उन्होंने भारतीय वायुसेना में पहली महिला लड़ाकू पायलट बनकर इतिहास रच दिया था। वे इंडियन एयर फोर्स की पहली महिला लड़ाकू पायलट हैं, जिन्होंने विदेश के युद्धाभ्यास में हिस्सा लेकर इतिहास रचा है। अवनी ने हायाकुरी जापानी एयरबेस में जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के साथ हुए सैन्य युद्धाभ्यास में 12 जनवरी से 26 जनवरी के दौरान हिस्सा लिया था। वे युद्धाभ्यास को लेकर बेहद खुश हैं और उन्होंने बताया कि लड़ाकू विमान को उड़ाना बेहद रोमांचक है और वायुसेना में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए सफलता की अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा, “यह हमेशा एक अच्छा अनुभव होता है। इस बार भी शानदार अनुभव था। विशेष तौर से एक विदेशी वायु सेना के साथ यह और भी रोमांचकारी एहसास था। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह पहली बार था जब मैंने अंतरराष्ट्रीय अभ्यास में हिस्सा लिया था। यह मेरे लिए सीखने का एक बड़ा अवसर था।”