अरुणाचल प्रदेश से पांच लड़कों के अपहरण के मामले में केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार को कहा कि भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को हॉटलाइन पर मैसेज भेजा है। इस मामले में अब चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार है। बता दें कि शनिवार को ही कांग्रेस के एक विधायक ने दावा किया था कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के सीमावर्ती गांव से कुछ लड़कों को अगवा कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी।

यह मामला पहली बार तब सामने आया था, जब ईस्ट अरुणाचल से सांसद तपिर गओ ने ट्वीट कर कहा था कि चीनी पीएलए ने 3 सितंबर को अपर सुबनसिरी के पास भारतीय क्षेत्र में घुसकर सेरा7 इलाके से 5 तागिन जनजाति के युवकों को बंधक बना लिया। उन्होंने बताया था कि ऐसी ही एक घटना मार्च में भी हुई थी। अब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ खड़े होना जरूरी है। तागिन का यह ट्वीट ऐसे समय में आया था, जब भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की बैठक खत्म ही हुई थी।

गओ के अलावा कांग्रेस के विधायक निनॉन्ग एरिंग ने ट्वीट में प्रकाश रिंगलिंग नाम के एक व्यक्ति के फेसबुक का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था। इसमें रिंगलिंग ने लिखा था कि उसके भाई और चार अन्य लोगों को पीएलए ने भारत-चीन सीमा के पास सेरा-7 गांव से अगवा कर लिया। रिंगलिंग ने भारतीय सेना और राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। अब रिजिजू के ट्वीट पर एरिंग ने रिप्लाई किया है। उन्होंने भारतीय सेना और केंद्रीय मंत्री का शुक्रिया जताते हुए पीएलए से जल्द प्रतिक्रिया मिलने और पांचों युवकों के सुरक्षित लौटने की उम्मीद जताई।

ट्विटर पर इस मामले के उठने के बाद भारतीय सेना और पुलिस ने शनिवार को ही कहा था कि उन्हें इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। यहां तक की एक पुलिस टीम जांच के लिए अपर सुबनसिरी के लिए रवाना भी हुई थी। रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष वर्धन पांडे ने कहा था कि उन्हें भी इस घटना की जानकारी नहीं मिली है।