भारतीय टीम के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में एक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने इसमें पीएम से देश में पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता और प्रताड़ना को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की। चहल ने चिट्ठी के जरिए कहा कि पशुओं के साथ जो लोग गलत बर्ताव करते हैं, उनको सजा देने के लिए कड़े नियम-कानून बनने चाहिए, ताकि लोग वैसा न करें।
‘मिड डे’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चहल ने इस चिट्ठी में पीपल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) अधियिनम, 1960 का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इसके (पेटा) अंतर्गत आने वाली सजा आज के दौर में बहुत पुरानी पड़ चुकी हैं। पहली बार दोषी पाए जाने पर उनमें केवल 50 रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ता है।
बकौल चहल, “देश भर में गाय, कुत्तों और बाकी पशुओं के साथ होने वाली प्रताड़ना की रिपोर्ट्स बेहद दुखद हैं। पशुओं को पीटा जाता है, जहर दिया जाता है, एसिड से हमले तक होते और यहां तक कि उनका शारीरिक शोषण भी किया जाता है। अगर पशुओं के साथ होने वाली इस क्रूरता के इन अपराधों पर उचित जुर्माना, जेल की सजा और काउंसिलिंग होगी, तो पशुओं को पहले के मुकाबले सुरक्षित रखा जा सकेगा। लोग इसके साथ ही उनसे प्रेमभाव और इज्जत से पेश आएंगे।”
आपको बता दें कि देश में पशु अधिकारों के लिए आवाज उठाने और केंद्र सरकार से इस बाबत अपील करने वाले चहल पहले क्रिकेटर नहीं हैं। उनसे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, उप कप्तान अंजिक्या रहाणे और सलामी बल्लेबाज शिखर धवन भी पेटा की याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। साल 2016 में इन तीनों क्रिकेटरों ने इस मुद्दे पर सरकार से सख्ती बरतने की गुहार लगाई थी।
चहल, देश की ओर से तकरीबन 26 टी-20 और उतने ही वनडे मैच खेल चुके हैं। वह इससे पहले हरियाणा की ओर से शतरंज खिलाड़ी रहे हैं। साल 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने अपना डेब्यू किया था, तब से लेकर अब तक उन्होंने 87 अंतर्राष्ट्रीय विकेट झटके हैं।