लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में जारी भारत-चीन तनाव के बीच सेना सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में जुटी है। एक साल पहले सेना ने इन इलाकों में टैंकों की तैनाती का कार्यक्रम शुरू किया था। एक साल बाद अब पूरी टैंक रेजिमेंट इस क्षेत्र में ऑपरेशन करने के लिए तैयार है।
टैंक रेजिमेंट के जवानों ने 14 हजार फीट से लेकर 17 हजार फीट की उंचाई पर मशीनों के संचालन के लिए अपने मानक प्रक्रियाओं को और विकसित किया है। पिछले साल भारतीय सेना ने चीनी आक्रमकता का मुकाबला करने और मुंह तोड़ जवाब देने के लिए ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के तहत T-90 भीष्म और T-72 अजय टैंक को तैनात करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
#WATCH Nyoma: Indian Army’s T-90 Bhishma tanks showing attack maneuvers during a demonstration at an armoured range at an altitude of around 14,000 ft in Eastern Ladakh. Army has deployed T-90s and T-72s for high altitude operations in significant numbers in eastern Ladakh area pic.twitter.com/cLjdiIrSSn
— ANI (@ANI) August 9, 2021
पिछले साल से इन टैंकों की तैनाती भी होती रही है और धीरे-धीरे ये हजारों फीट की उंचाई पर लड़ाई का अभ्यास भी करते रहे। एएनआई को सेना के एक अधिकारी ने बताया- “पूर्वी लद्दाख के इन ऊंचाई वाले इलाकों में सेना ने शून्य से -45 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में अपना जीवन बिताया है. ऐसे महौल में सेना ने इन कठिन इलाके में रहते हुए टैंकों को ऑपरेट करने की अपने मानक प्रक्रिया (SOPs) को काफी विकसित किया है.”
इतना ही नहीं इन इलाकों में एयरफोर्स के स्पेशल कमांडो गरुड़ फोर्स को भी तैनात किया गया है। नेगेव लाइट मशीन गन, टेवर-21 और एके-47 असॉल्ट राइफलों से लैस गरुड़ स्पेशल फोर्स के जवानों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अग्रिम स्थानों पर तैनात किया गया है। इसके साथ ही एयरफोर्स का रूस निर्मित मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम भी लगाया गया है ताकि, किसी भी तरह के हवाई हमले को फौरन रोका जा सके।
गोगरा और पैंगोंग लेक से भले ही भारत-चीन की सेना हट चुकी है, लेकिन दोनों ही ओर अब भी भारी संख्या में फोर्स तैनात है। पिछले साल 5 मई को हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गई थी। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 सेना के जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से इस इलाके में स्थितियां और ज्यादा बिगड़ गई और दोनों ओर से भारी संख्या में फौज तैनात कर दी गई।