कश्मीर घाटी में इस बार कम बर्फबारी हुई है। कम बर्फबारी की वजह से LoC पर अभी भी घुसपैठ के वो रास्ते खुले हुए हैं, जिनके जरिए आतंकवादी आमतौर पर गर्मियों में भारतीय इलाके में दाखिल होते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी वजह से भारतीय सेना ने इस बार कश्मीर में ऐसे इलाकों में सैनिकों की संख्या बढ़ाई हुई है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कम बर्फबारी की वजह से इस बार LoC पर घुसपैठ के सभी रास्ते खुले हुए हैं और इसी वजह से इन रूट्स से लगातार घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं। इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स में कह गया है कि LoC के उस पार बड़ी संख्या में आतंकी इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार बैठे हुए हैं।
आमतौर पर कश्मीर घाटी में सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी होती है। इस वजह से LoC पर मूवमेंट मुश्किल हो जाती है और आतंकियों की घुसपैठ के रास्ते भी बंद हो जाते हैं। सर्दियों के मौसम में आमतौर पर रहने वाला घुसपैठ का खतरा बर्फ बढ़ने की वजह से कुछ कम हो जाता है। दरअसल बर्फबारी की वजह से LoC पर मौजूद पेड़ों की वजह से मिलने वाली ओट भी कम हो जाती है और इसलिए सर्विलांस डिवाइस का प्रयोग करके रात के समय में भी घुसपैठिए का पता लगाना आसान हो जाता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना सर्दियों में आमतौर पर LoC पर तैनात अपने कुछ सैनिकों को हटा लेती है या कहें कि सैनिकों की संख्या कम कर देती और उनका इस्तेमाल आतंकवाद को खत्म किए जाने वाले ऑपरेशनों में करती है। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा इस साल संभव नहीं हो पाया है और घुसपैठ की समस्या उतनी ही गंभीर बनी हुई है, जितनी गर्मियों में होती है।
सर्दियों के मौसम में आतंकवादी भी ऊंचाई वाले इलाकों में बने अपने ठिकानों से निकलकर आबादी वाले इलाकों में अपने बेस की तरफ आ जाते हैं, जिससे इंटेलिजेंस बेस्ड ऑपरेशन और उनसे मुठभेड़ के चांस बढ़ जाते हैं। सैन्य अधिकारी ने आगे बताया कि बर्फबारी के दिनों में आतंकियों को रसद की भी समस्या होती है, जिस वजह से वो लोकल लोगों पर निर्भर हो जाते हैं। किसी भी मूवमेंट के लिए उन्हें सड़कों और पटरियों का प्रयोग करना होता है, जिस वजह से मोबाइल चेक पोस्टों पर मुठभेड़ की संभावना बढ़ जाती है।
कहां खुले हैं घुसपैठ के रास्ते?
कम बर्फबारी की वजह से ट्रांस-पीर पंजाल में रास्ते अभी भी खुले हुए हैं, इसी वजह से यहां संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए सैनिकों की तैनाती बनाए रखने की जरूरत है। इसी रास्ते से पुंछ-राजौरी बेल्ट के जरिए आतंकी कश्मीर घाटी पहुंचते हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में सैनिकों की अभी तक तैनाती की वजह से सर्दियों में होेने वाले ऑपरेशन प्रभावित हुए हैं।