भारतीय वायुसेना की ताकत के नजरिए से अहम खबर आयी है। भारतीय वायुसेना को अमेरिका के विध्वंसकारी चिनूक हेलीकॉप्टर्स का पहला बैच मिल गया है। इस बैच में वायुसेना को 4 हेलीकॉप्टर मिले हैं। बता दें कि भारत ने अमेरिका के साथ पिछले साल 3 बिलियन डॉलर या 21 हजार करोड़ रुपए की कीमत में 15 चिनूक हेलीकॉप्टर्स और 22 अपाचे हेलीकॉप्टर्स का सौदा किया था। इसी सौदे के तहत 4 चिनूक हेलीकॉप्टर्स का पहला बैच भारत को मिला है। हेलीकॉप्टर्स गुजरात के मुंद्रा एअरपोर्ट पर पहुंचे हैं। भारत ने यह सौदा बोइंग और अमेरिकी सरकार के साथ किया था।

क्यों हैं भारतीय वायुसेना के लिए अहमः चिनूक हेलीकॉप्टर अपनी हेवी लिफ्ट की ताकत के जाने जाते हैं। पहली बार इन हेलीकॉप्टर्स ने 1962 में उड़ान भरी थी। जिसके बाद से इन्हें कई बार अपडेट किया जा चुका है। अब स्थिति ये है कि चिनूक हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे आधुनिक हेवीलिफ्ट चॉपर माने जाते हैं। भारत के नजरिए से देखें तो सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण की दृष्टि से चिनूक हेलीकॉप्टर्स काफी अहम है। चिनूक हेलीकॉप्टर्स की मदद से सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण की सामाग्री आसानी से पहुंचायी जा सकती है, जिससे भारतीय सीमाओं पर ढांचागत विकास में तेजी आएगी।

वहीं दूसरी तरफ अपाचे हेलीकॉप्टर की बात करें तो यह हेलीकॉप्टर दुनिया के सबसे विध्वंसक हेलीकॉप्टर माने जाते हैं। इन हेलीकॉप्टर्स का निर्माण 1984 में किया गया था, जिसके बाद से इसे कई बार अपडेट किया जा चुका है। भारतीय वायुसेना के नजरिए से देखें तो टेक्टिकल लड़ाई के समय में यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। भारत के पड़ोसी चीन और पाकिस्तान की तरफ से जिस तरह से चिंताएं उभर रही हैं, ऐसे में चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर्स भारतीय वायुसेना के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं।