भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले शाह फैसल के परिवार का कहना है कि वह कोई गुंडा नहीं है। परिवार ने फैसल पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) लगाने को गलत करार दिया है। परिवार का कहना है कि कल तक वो (शाह फैसल) रोल मॉडल था, अचानक गुंडा हो गया?’

हम पीएसए समते हर चुनौती को झेलने के लिए तैयार हैं। फैसल के परिवार ने ‘द वायर’ के साथ बातचीत में कहा ‘कल तक उसे सब अपना रोल मॉडल कहते थे लेकिन अब उसे गुंडा कहा जा रहा है। फैसल कोई गुंडा नहीं है। वह एक स्कॉलर है जिसने हावर्ड से पढ़ाई की है। उनके खिलाफ ये सब कार्रवाई उचित नहीं है।’

मोदी सरकार के आर्टिकल 370 और जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के बाद से ही फैसल नजरबंद हैं। उनके खिलाफ 14 फरवरी को पीएसए लगाया गया है। इस दिन उनकी छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि खत्म हुई थी। वर्तमान में उन्हें श्रीनगर के केंद्रीय लाल चौक स्थित एमएलए होस्टल में रखा गया है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के डोजियर के अनुसार, फैसल अपने लेखों, ट्वीट्स और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से ‘अलगाववाद’ की वकालत करते रहे हैं। पुलिस ने पिछले साल के उनके कुछ कथित ‘भड़काऊ बयान’ को संज्ञान में लिया है और उसके तहत ही कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस के इन आरोपों पर परिवार का कहना है कि फैसल ने कभी भी ऐसा न तो कुछ किया और न ही कहा जिससे किसी की शांति पर असर पड़े। ऐसे में वह कैसे शांति भंग कर सकते हैं। परिवार ने कहा कि वे जल्द ही पीएसए के तहत फैसल की नजरबंदी को चुनौती देने के कानूनी हस्तक्षेप पर फैसला लेंगे।