Financial Action Task Force (FATF): भारत पूरी कोशिश कर रहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को इसका जोरदार जवाब दिया जाए। सिंधु जल समझौते को स्थगित करने, एयर स्पेस बंद करने जैसे कई बड़े फैसलों के बाद अब भारत दो बड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है। ये दोनों कदम पाकिस्तान की मुश्किलों में इजाफा करेंगे।

भारत का पहला कदम यह है कि पाकिस्तान को Financial Action Task Force (FATF) की ‘grey list’ में फिर से वापस लाया जाए। FATF आतंकवाद को होने वाली मनी लॉड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर नजर रखती है।

बताना होगा कि पाकिस्तान को जून, 2018 में FATF की ‘grey list’ में डाल गया था दिया गया था और अक्टूबर 2022 तक यह मुल्क इसी लिस्ट में था। पाकिस्तान के ‘grey list’ में रहने से वहां से भारत आने वाली (विशेषकर जम्मू-कश्मीर में) अवैध रकम को रोकने में मदद मिलती है।

IMF की बैठक को लेकर भारत की रणनीति

भारत का दूसरा कदम यह है कि वह मई में होने वाली International Monetary Fund’s (IMF’s) की बोर्ड की आगामी बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ आपत्ति जताने पर विचार कर रहा है। जुलाई, 2024 में IMF ने पाकिस्तान के साथ तीन साल के लिए 7 बिलियन डॉलर के सहायता पैकेज पर सहमति जताई थी। भारत की दलील है कि पाकिस्तान उसे मिलने वाले इस पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करता है।

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हालांकि ऐसा करना भारत के लिए आसान नहीं होगा। भारत को इसके लिए सदस्य देशों का समर्थन जुटाना होगा। FATF में 40 सदस्य देश हैं। पहलगाम हमले के बाद FATF के 23 सदस्य देशों ने नई दिल्ली को शोक संदेश भेजे थे।

FATF का सदस्य नहीं है पाकिस्तान

पाकिस्तान FATF का सदस्य नहीं है लेकिन वह Asia Pacific Group on Money Laundering (APG) का सदस्य है। भारत को इन दोनों की सदस्यता हासिल है। FATF इस बात की निगरानी करता है कि सभी देश FATF मानकों को पूरी तरह और प्रभावी ढंग से लागू करें।

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पाकिस्तान को जब FATF की ‘grey list’ से हटाया गया था तब भारत ने कहा था कि इस पड़ोसी मुल्क को अपने कब्जे वाले इलाकों में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रखनी चाहिए।

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