भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर चल रही बातचीत फिलहाल रुक गई है। अगस्त के दूसरे पखवाड़े में अमेरिकी अफसरों को भारत आना था लेकिन अब अमेरिका ने इस यात्रा पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। The Indian Express को सूत्रों से यह जानकारी मिली है। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरवरी में अमेरिका यात्रा के बाद शुरू हुई थी। 

The Indian Express ने 8 अगस्त को बताया था कि अमेरिका की ट्रेड टीम का भारत आना तय नहीं है क्योंकि उनकी ओर से इस संबंध में किसी भी तरह की औपचारिक सूचना नहीं दी गई थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अपने अच्छे रिश्तों के बावजूद अचानक 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया था। इसमें से 25% टैरिफ लागू हो चुका है जबकि 25% 27 अगस्त से लागू होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि जब तक टैरिफ को लेकर विवाद नहीं सुलझ जाता तब तक भारत के साथ ट्रेड डील पर कोई बातचीत नहीं होगी।

‘जब तक टैरिफ का मामला नहीं सुलझ जाता…’

भारत को हाल ही में अलास्का में हुई डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से कुछ उम्मीदें थी लेकिन वहां से भी कोई नतीजा नहीं निकला। भारत को इस बातचीत से उम्मीद थी कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सीजफायर को लेकर कोई खबर सामने आएगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

अब सवाल यह है कि आखिर ट्रेड डील को लेकर बातचीत क्यों रुक गई जबकि भारत सरकार की ओर से कहा जा रहा था कि अगस्त तक ट्रेड डील पर मोहर लग जाएगी।

ट्रेड डील को लेकर क्या चाहता है अमेरिका?

अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि और डेयरी के बाजारों को उसके लिए खोल दे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा चाहे उन्हें इसके लिए कितनी ही बड़ी व्यक्तिगत कीमत क्यों न चुकानी पड़े?

ट्रंप-पुतिन की मुलाकात से पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी थी कि अगर इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकलता तो भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाए जा सकते हैं।

ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं पीएम मोदी, किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा?

साफ है कि भारत और अमेरिका के बीच अब ट्रेड डील को लेकर बातचीत अटक गई है। ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ को लेकर यह मामला और ज्यादा उलझ गया है। अमेरिका इस बात से नाराज है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है।

‘व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी’