गालवान घाटी पर अपना दावा करते हुए नई दिल्ली ने बीजिंग से कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवादित इलाकों को लेकर ‘अपुष्ट तथा बढ़ा-चढ़ाकर दावे किया जाना’ भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 6 जून को हुई बैठक में बनी सहमति के विरुद्ध है। सोमवार रात को दोनों देशों की सेना के बीच घाटी में हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवान शहीद हो गए थे।
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा “सीमा प्रबंधन के लिए अपने जिम्मेदार दृष्टिकोण को देखते हुए, भारत अपनी सीमा के भीतर सभी गतिविधियां कर रहा है और चीन से भी यही उम्मीद करता है कि वह अपनी सीमा के भीतर ही गतिविधियों का संचालन करे।” श्रीवास्तव ने कहा कि भारत मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का हिमायती है लेकिन हर परिस्थिति का सामना करने को भी तैयार रहता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि बीते 15 जून की रात को चीन ने गलवन वैली में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच संपर्क अभी टूटा नहीं है और अलग-अलग स्तर पर बातचीत जारी है।
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्ष अपने-अपने दूतावासों तथा विदेश कार्यालयों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं और जमीनी स्तर पर भी संपर्क कायम रख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीमा के मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कामकाजी प्रणाली समेत हमारी अन्य स्थापित कूटनीतिक प्रणालियों पर बातचीत जारी है।’’
इस बीच, बीजिंग ने गुरुवार को कहा कि दोनों पक्षों ने इस गंभीर मुद्दे को निपटने के लिए सहमति व्यक्त की है। दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार और समन्वय में हैं ताकि तनाव को जल्द से जल्द समाप्त किया जा सके।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने झड़प के लिए भारतीय सैनिकों को दोषी ठहराया। झाओ ने कहा “इस मामले में सही और गलत बहुत स्पष्ट है और जो हुआ उसके लिए चीन जिम्मेदार नहीं है।
