भारत ने शनिवार को अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस बेहतरीन मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर के बीच है। यानि पाकिस्तान के साथ चीन भी भारत के निशाने पर बड़ी आसानी से आ सकते हैं। इसके साथ ही भारत को दुश्मनों का सफाया करने के लिए एक और बेहतरीन हथियार मिल गया। इससे सेना की मारक क्षमता बढ़ी है।

इससे पहले बीते दिनों भारत ने ओडिशा के चांदीपुर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। उससे कुछ अर्सा पहले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया था।

अग्नि प्राइम मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के बालासोर से किया गया। यह अग्नि सीरीज की नई जेनरेशन वाली एडवांस मिसाइल है। अग्नि-पी बैलिस्टिक मिसाइल की अग्नि सीरीज की छठी मिसाइल है। यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली है। इस परमाणु सक्षम मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है।

अग्नि प्राइम को कंटेनर में रखा जा सकता है। इस परीक्षण के दौरान परमाणु सक्षम सामरिक मिसाइल अग्नि प्राइम में कई नए फीचर जोड़े गए हैं। सेना ने कहा कि मिसाइल परीक्षण ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया।

सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में डीआरडीओ की ओर से और कई बैलेस्टिक और क्रूज सीरीज की अत्याधुनिक किस्म की मिसाइलों का परीक्षण किए जाने की संभावना है। उधर, डीआरडीओ का कहना है कि पहले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का भी सफल परीक्षण किया जा चुका है।

इस मिसाइल का परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से किया गया था। भारत नई तकनीकों और क्षमताओं को अपनाकर अपने सामरिक मिसाइल शस्त्रागार को और मजबूत करने की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा है