भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच सामने आया है कि पाकिस्तान भी पीओके पर मिसाइल सिस्टम लगाकर अपनी ताकत बढ़ा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें चीन उसकी मदद कर रहा है। ऐसे में भारत भी अपनी शक्ति को लगातार बढ़ाने में जुटा है। भारत की डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) पिछले कुछ दिनों में लगातार मिसाइल की टेस्टिंग कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को संस्थान ने एक विशेष तरह की एंटी-रेडिएशन मिसाइल ‘रुद्रम’ का सफलतापूर्वक टेस्ट पूरा किया। इस मिसाइल की खास बात यह है कि ये दुश्मनों के रडार को निशाना बनाती है, जिससे किसी भी टुकड़ी का संपर्क आसानी से तोड़कर उन्हें मुश्किल में डाला जा सकता है।
इस नई जेनरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल को सुखोई-30MKI फाइटर जेट के साथ इस्तेमाल करने के लिए तैयार कर लिया गया है। इसकी रफ्तार आवाज से दोगुनी है। विशेष बात यह है कि इस मिसाइल को 500 मीटर ऊंचाई से लेकर 15 किमी तक की ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है और यह 250 किलोमीटर की दूरी तक ऐसी किसी भी चीज को निशाना बना सकती है, जिससे रेडिएशन निकल रहा हो। रेडियो सिग्नल, रडार और एयरक्राफ्ट में लगे रेडियो भी इसकी जद में रहेंगे।
डीआरडीओ के मुताबिक, इस मिसाइल की टेस्टिंग ओडिशा के बालासोर स्थित टेस्टिंग रेंज में हुई। इसे बंगाल की खाड़ी से लगे ओडिशा के तटीय इलाके से सुबह 10.30 बजे टेस्ट किया गया। एक अधिकरी ने बताया कि रुद्रम मिसाइल रेडिएशन की कई फ्रीक्वेंसी पहचान सकती है। साथ ही यह टारगेट को लॉन्च से पहले और लॉन्च के बाद भी लॉक कर सकती है। यानी एक बार छोड़े जाने के बाद इसका निशाना बदला भी जा सकता है।
गौरतलब है कि भारत ने पिछले 10 दिनों के अंदर तीन मिसाइल की टेस्टिंग की है। इनमें ब्रह्मोस, शौर्य और अब रुद्रम मिसाइल शामिल हो गई है। जहां ब्रह्मोस सुपरसॉनिक मिसाइल के 400 किमी मारक क्षमता वाले वर्जन को टेस्ट किया गया था, वहीं शौर्य मिसाइल के भी 800 किमी तक मार करने की क्षमता वाले वर्जन को परखा गया था। दोनों ही टेस्ट लॉन्च सफल रहे थे। शौर्य बैलिस्टिक मिसाइल है, लेकिन यह क्रूज मिसाइल की तरह खुद को गाइड कर लेती है।