भारत ने अमेरिका आधारित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) जैसी अपनी उपग्रह दिशासूचक प्रणाली से लैस देशों के समूह में शामिल होने की दिशा में बुधवार को एक और कदम बढ़ाया। भारत ने नेविगेशनल सेटेलाइट (दिशासूचक उपग्रह) आईआरएनएसएस-1ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। भारत ने यह प्रक्षेपण अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी31 लॉन्च व्हीकल के माध्यम से किया। पीएसएलवी सी31 ने अपने सफर का आगाज बिल्कुल सटीक ढंग से करते हुए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह नौ बजकर 31 मिनट पर उड़ान भरी और फिर 19 मिनट 20 सेकेंड के बाद इसने उपग्रह को कक्षा में प्रवेश करा दिया। यह अंतरिक्ष केंद्र चेन्नई से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस प्रक्षेपण के लिए इसरो टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘इसरो टीम को इस सफल प्रक्षेपण पर हार्दिक बधाई।’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों के ‘‘उत्साह और दृढ़ संकल्प’’ की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने देश को गौरवांवित किया है। वहीं, मोदी ने टि्वटर पर कहा, ‘‘पीएसएलवी सी31 के सफल प्रक्षेपण और आईआरएनएसएस-1ई को सटीकता के साथ कक्षा में स्थापित किए जाने के अवसर पर इसरो और हमारे वैज्ञानिकों को उनके उत्साह और दृढ़ संकल्प के लिए बधाई। इसरो के वैज्ञानिकों से बात की और उनकी आज की उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। हमारे वैज्ञानिक हमें गौरवांवित महसूस करवाते रहते हैं।’’