भारत ने बुधवार को पुष्टि की कि बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा है। यह दूसरी बार है जब ढाका ने प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें अनुरोध प्राप्त हुआ है। न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत इस अनुरोध की जांच की जा रही है।

रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता शामिल है और हम इस संबंध में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ना जारी रखेंगे।”

बांग्लादेश ने पहले भी किया था शेख हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध

इससे पहले बांग्लादेश ने बुधवार को कहा था कि भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के उसके पूर्व के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन बांग्लादेश को भारत से जवाब की उम्मीद है। पड़ोसी देश ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने और पूर्व प्रधानमंत्री को दोषी ठहराए जाने के बाद अब स्थिति अलग है।

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मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पिछले सप्ताह भारत को एक आधिकारिक पत्र भेजकर शेख हसीना (78) के प्रत्यर्पण की मांग की थी। विशेष न्यायाधिकरण ने 17 नवंबर को “मानवता के खिलाफ अपराध” के लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार हसीना के प्रत्यर्पण के अपने नवीनतम अनुरोध पर भारत के जवाब का इंतज़ार कर रही है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद नहीं है कि वे ढाका के अनुरोध के एक हफ़्ते के भीतर जवाब देंगे लेकिन हम आशान्वित हैं कि हमें जवाब मिलेगा।”

भारत ने बांग्लादेश के अनुरोध का नहीं दिया था कोई जवाब

हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश ने पूर्व में भी भारत से हसीना को वापस भेजने का अनुरोध किया था लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि अब स्थिति अलग है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और हसीना को दोषी ठहराया जा चुका है। हुसैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) द्वारा दिए गए फैसले के बाद नयी दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के माध्यम से औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह अनुरोध दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के तहत किया गया। बांग्लादेश ने पिछले साल दिसंबर में हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए एक आधिकारिक पत्र भेजा थ। उस वक्त भारत ने केवल इसकी प्राप्ति की बात स्वीकार की थी और कोई टिप्पणी नहीं की थी।

पिछले एक साल चार महीनों में हसीना की भारत में मौजूदगी और उनके सार्वजनिक बयानों ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव पैदा किया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने पिछले साल 9 दिसंबर को ढाका में विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ अपनी बैठक में भी इस चिंता को उठाया था।

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(भाषा के इनपुट के साथ)