भारत और चीन के संबंध अब बेहतर होते दिख रहे हैं। इसका पता भारत की ओर से उठाए गए एक बहुत बड़े कदम से चलता है। कदम यह है कि मोदी सरकार ने चीनी नागरिकों को फिर से टूरिस्ट वीजा देना शुरू कर दिया है। पिछले महीने कैलाश मानसरोवर की यात्रा को भी बहाल किया गया था।

याद दिलाना होगा कि मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी और इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे लेकिन ऐसा दिखाई देता है कि पिछले कुछ वक्त में दोनों ही देश कड़वी यादों को भुलाकर नए सिरे से आगे बढ़ना चाहते हैं।

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भारत और चीनी अफसरों के बीच हुई बैठक

इसके अलावा बुधवार को भारत और चीन के अफसरों के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल की स्थिति की समीक्षा की गई और इस साल भारत में होने वाली विशेष प्रतिनिधियों की बैठक को लेकर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि दोनों ही तरफ से सीमा वाले इलाकों में शांति बनाए रखने और लगातार बातचीत को जारी रखने पर सहमति जताई गई।

भारतीय दूतावास ने क्या कहा?

भारतीय दूतावास ने कहा है कि चीन के लोग अब भारत घूमने के लिए जरूरी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरते हुए तय प्रक्रिया को पूरा करना होगा और बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझोऊ में स्थित भारतीय वीजा एप्लीकेशन सेंटर में जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।

गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में लंबे वक्त तक तनातनी देखने को मिली थी लेकिन अब भारत की ओर से उठाए गए इस कदम का चीन के विदेश मंत्रालय ने भी स्वागत किया है और कहा है कि यह सकारात्मक कदम है।

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चीनी विदेश मंत्री से मिले थे जयशंकर

याद दिलाना होगा कि हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। जयशंकर ने कहा था कि दोनों देशों ने पिछले नौ महीनों में संबंध सामान्य करने में अच्छी प्रगति की है लेकिन अभी भी बॉर्डर पर तनाव को और कम करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए।

मोदी और जिनपिंग की हुई थी मुलाकात

पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस के कज़ान में हुए BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। इससे पहले बॉर्डर पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर भी सहमति बनी थी जिसके बाद डिसइंगेजमेंट शुरू हुआ था। पिछले कुछ वक्त में एनएसए अजित डोभाल दो बार चीन जा चुके हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी बैठकों में भाग लेने के लिए वहां गए हैं।

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सीधी उड़ान भी होंगी शुरू

इसके अलावा कैलाश मानसरोवर यात्रा के शुरू होने को भी दोनों देशों के रिश्तों के बेहतर होने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। यह यात्रा इस साल 30 जून से शुरू हुई है और अगस्त के अंत तक चलेगी। दोनों देश जल्द ही सीधी उड़ानों को भी फिर से शुरू करने पर काम कर रहे हैं।

पर्यटकों की बात करें तो 2019 में भारत में कुल 1.09 करोड़ विदेशी पर्यटक आए थे। यह साफ है कि भारत के द्वारा वीजा शुरू करने, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने, दोनों देशों की बड़ी शख्सियतों के बीच बैठकों से यह संकेत मिल रहा है कि दोनों देश संबंधों को बेहतर बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

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