बैंकिंग क्षेत्र को इस साल की दूसरी छमाही के लिए ‘निगेटिव’ रेटिंग मिली है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में वृद्धि, कर्ज की लागत तथा कमजोर वित्तीय प्रदर्शन की आशंका को लेकर देश के बैंकिंग क्षेत्र का परिदृश्य चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही के लिए स्थिर से बदलकर नकारात्मक (निगेटिव) कर दिया।

एजेंसी का मानना है कि कॉरपोरेट क्षेत्र से चालू वित्त वर्ष में 3.3 लाख करोड़ रुपये से 6.3 लाख करोड़ रुपये तक के ऋण का पुनर्गठन किया जा सकता है। एजेंसी ने कहा, ‘एनपीए में वृद्धि, कर्ज की लागत बढ़ने तथा कमजोर वित्तीय प्रदर्शन की आशंकाओं को लेकर देश के बैंकिंग क्षेत्र का परिदृश्य स्थिर से बदलकर चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए नकारात्मक (निगेटिव) कर दिया गया है।’ एजेंसी ने सरकारी बैंकों के लिए परिदृश्य को स्थिर से बदलकर चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए नकारात्मक कर दिया। हालांकि, उसने निजी बैंकों का परिदृश्य स्थिर बनाए रखा। उसका कहना है कि निजी क्षेत्र के बैंक कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के मामले में बेहतर स्थिति में हैं।

बता दें कि 28 अगस्त को जारी रिपोर्ट में इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा था, कोविड-19 संकट की विपरीत परिस्थितियों से उबरने में इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर को जब तक दिक्कत पेश आ रही है, तब तक कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था की गाड़ी दौड़ाने का इंजन बन सकता है। हालांकि, ग्रामीण मांग का एक बड़ा हिस्सा टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं से अलग होता है, लेकिन जून 2020 में मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर की बिक्री के आंकड़े प्रोत्साहन देने वाले हैं।

उस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि लॉकडाउन अथवा उसके बाद भी कृषि क्षेत्र लगभग अप्रभावित रहा है। ऐसे में 2020-21 में भी इसमें सालाना आधार पर करीब 3.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। कई साल के बाद कृषि क्षेत्र में लगातार तीन मौसम में अच्छी फसल हुई है। रबी 2019, खरीफ 2019 और रबी 2020 में अच्छी पैदावार रही। मानसून पूर्व की अच्छी वर्षा और समय पर मानसून आने से देश के ज्यादातर हिस्सा में खरीफ 2020 की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अच्छी रही है।